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FIITJEE कोचिंग संस्थान पर ED की छापेमारी, मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की जांच तेज

नई दिल्ली (राशी सिंह)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान FIITJEE के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के आठ स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई। छापेमारी संस्थान के प्रमोटर डीके गोयल और अन्य अधिकारियों के दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम स्थित परिसरों पर की गई।
बिना सूचना के केंद्र बंद, हजारों छात्र प्रभावित
FIITJEE पर यह कार्रवाई उस वक्त शुरू हुई, जब जनवरी में देश भर में इसके कई केंद्र बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक बंद हो गए। इससे करीब 12,000 छात्रों और उनके अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए लाखों रुपये फीस के रूप में अग्रिम भुगतान किया था, लेकिन संस्थान ने न तो कोर्स सेवाएं दीं और न ही किसी प्रकार का रिफंड। इन शिकायतों के आधार पर नोएडा और दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की, जिसके बाद मामला ED के पास पहुंचा। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मार्च में FIITJEE LTD के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और भ्रामक प्रचार के आरोपों में IPC की धाराओं 406, 420, 120-B और 34 के तहत मामला दर्ज किया।
भ्रामक विज्ञापन और फर्जी दावों के आरोप
पुलिस उपायुक्त विक्रम के. पोरवाल के अनुसार, संस्थान पर आरोप है कि वह छात्रों को लुभाने के लिए भ्रामक विज्ञापन, अतिरंजित सफलता के दावे और मार्केटिंग रणनीति का इस्तेमाल कर रहा था। विशेष रूप से लक्ष्मी नगर स्थित पूर्वी दिल्ली केंद्र के खिलाफ 192 शिकायतें दर्ज की गईं हैं।
धन के दुरुपयोग की भी जांच
ED यह भी जांच कर रहा है कि क्या कोचिंग सेंटरों से प्राप्त धन को निजी लाभ और अन्य संस्थाओं में स्थानांतरित किया गया है। डीके गोयल द्वारा 1992 में स्थापित FIITJEE देशभर में 73 केंद्रों के माध्यम से इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को JEE, NTSE, KYPY और ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान करता रहा है।
यह मामला देश के कोचिंग उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। ED की जांच फिलहाल जारी है।