- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- धीरेंद्र कृष्ण...
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संगम पर लगाई पांच पवित्र डुबकियां, जानिए क्या है इसका महत्व?
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान कर आध्यात्मिकता और भक्ति का संदेश दिया। इस दौरान वे परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ संगम में डुबकी लगाते नजर आए।
संगम पर स्नान के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी पांच विशेष डुबकियों का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक स्नान नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, धर्म और समाज के प्रति हमारी श्रद्धा और जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पहली डुबकी उन्होंने हिंदू राष्ट्र के लिए लगाई, जो उनके लिए सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण प्रार्थना थी। उनका कहना था कि एक संगठित और सशक्त हिंदू समाज ही भारत की असली ताकत है।
दूसरी डुबकी उन्होंने बागेश्वर धाम के लिए लगाई, जो उनके आध्यात्मिक अभियान का केंद्र है और लाखों अनुयायियों की प्रेरणा का स्रोत है। तीसरी डुबकी उन्होंने बागेश्वर धाम के अनुयायियों के लिए समर्पित की, जो उनकी शिक्षाओं और विचारों का पालन करते हैं। चौथी डुबकी उन्होंने देश के साधु-संतों की भलाई और उनकी समृद्धि के लिए लगाई।
पांचवीं और अंतिम डुबकी के बारे में उन्होंने कहा कि यह डुबकी मैंने उन सभी लोगों की भलाई और लंबी उम्र के लिए लगाई है, जो धर्म, समाज और पूरी दुनिया की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं। ये वे लोग हैं जो अपने कार्यों और विचारों से विश्व को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत रहते हैं।
इस पवित्र स्नान में उनके साथ करीब 40-50 विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हुए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की झलक को नजदीक से अनुभव किया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस मौके पर संगम के महत्व और महाकुंभ की दिव्यता का वर्णन करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भारतीय संस्कृति और भक्ति का प्रतीक है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भी इस मौके पर कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे संतों की उपस्थिति महाकुंभ को और अधिक पवित्र और विशेष बनाती है। उन्होंने कहा कि संगम पर डुबकी लगाने का अर्थ केवल शरीर की शुद्धि नहीं है, बल्कि आत्मा और विचारों की शुद्धि भी है।