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Delhi Highcourt: जज के घर से कथित तौर पर कैश मिलने का मुद्दा राज्यसभा पहुंचा, कांग्रेस नेता ने सभापति से की यह मांग

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के घर से कथित तौर पर कैश बरामद हुआ है। उच्च न्यायालय के जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगी जिसके बाद इसका खुलासा हुआ। इस खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने एक्शन लेते हुए उन्हें दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने नकदी मिलने को गंभीरता से लिया है। वहीं पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को वापस इलाहाबाद ट्रांसफर करने का फैसला लिया है जबकि कुछ जज ने जस्टिस वर्मा के इस्तीफे की मांग की है।
बता दें कि जज के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने का मामला आज राज्यसभा तक पहुच गया है। इस मामले में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यवस्थित चर्चा के लिए कोई व्यवस्था ढूंढ़ेंगे। सत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने न्यायिक जवाबदेही पर सभापति का जवाब मांगा और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस की याद दिलाई।
प्रस्ताव पारित कराने के लिए सरकार को दें आवश्यक निर्देश
दरअसल, रमेश ने कहा कि आज सुबह दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा। उन्होंने बताया कि इससे पहले, 50 सांसदों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों के संबंध में सभापति को नोटिस सौंपा था।
उन्होंने आगे कि कहा कि चेयरमैन ने स्वयं बार-बार न्यायिक जवाबदेही की आवश्यकता पर बात की है जबकि रमेश ने सभापति को यह याद दिलाने की कोशिश की कि उन्होंने इस मुद्दे पर सदन के नेता को निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस पर कुछ टिप्पणियां करें और न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पारित कराने के लिए सरकार को आवश्यक निर्देश दें।
सत्र के दौरान चर्चा कराने की करेंगे कोशिश
हालांकि इस मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से परेशानी है कि घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई है। यदि ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'लक्ष्य' बन जाता। इसलिए, मुझे विश्वास है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया सामने आएगी। वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान चर्चा कराने की कोशिश करेंगे। इस मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने सदस्यों को बताया कि उन्होंने हस्ताक्षरकर्ताओं से हस्ताक्षर का सत्यापन कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।