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बार-बार इतिहास दोहराती रही है दिल्ली, जानें 2008 से 2025 के बीच सत्ता परिवर्तन की पटकथा
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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली अपना इतिहास बार-बार दोहराती रही है। 2025 में भी इतिहास ने खुद को दोहराया है। खासकर नई दिल्ली विधानसभा सीट हमेशा से चुनावी राजनीति का केंद्र रही है, जहां दिग्गज नेता आमने-सामने टकराए हैं और इतिहास बनते-बदलते देखा गया है। इस सीट पर कई ऐतिहासिक चुनाव हुए हैं, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने और सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखी गई है।
1. शीला दीक्षित: 2008 में ऐतिहासिक जीत
शीला दीक्षित, जो तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, 2008 में नई दिल्ली सीट से जीतकर तीसरी बार सत्ता में आईं। इस जीत ने उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया।
2. 2013 में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया
2013 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को 25,000+ वोटों से हराकर इतिहास रचा। इस जीत के साथ AAP की सरकार बनी, हालांकि यह सरकार सिर्फ 49 दिन चली थी।
3. 2015 और 2020: केजरीवाल की लगातार जीत
2015 और 2020 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल फिर से नई दिल्ली सीट से विजयी हुए और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इस तरह, शीला दीक्षित के बाद केजरीवाल भी तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले नेता बन गए।
4. 2025 चुनाव: प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराया
2025 के दिल्ली चुनाव में भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराकर नई दिल्ली सीट पर जीत दर्ज की है। अब प्रवेश वर्मा के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस ने इस बार संदीप दीक्षित (शीला दीक्षित के बेटे) को मैदान में उतारा था, लेकिन मुकाबला भाजपा और आप के बीच ही देखने को मिला।
दरअसल, इस सीट ने दिल्ली की राजनीति में कई अहम बदलाव देखे हैं। शीला दीक्षित की जीत, फिर केजरीवाल की जीत और अब प्रवेश वर्मा की जीत। यह सीट सत्ता परिवर्तन का प्रतीक बन गई है, जहां हर दशक में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।