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Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च से हो रहा नवरात्र पर्व का आरंभ, जानें क्या है पहले दिन पूजा की विधि

Varta24Bureau
29 March 2025 2:07 PM IST
Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च से हो रहा नवरात्र पर्व का आरंभ, जानें क्या है पहले दिन पूजा की विधि
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भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की 9 दिनों तक करते हैं पूजा

कल यानी 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों यानी शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की 9 दिनों तक पूजा करते हैं। माना जाता है कि इन 9 रूपों में देवी ने राक्षसों का वध किया था। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि पूजा का महत्व और पहले दिन पूजा की विधि।

नवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म में इस पर्व का विषेश महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि जो भक्त मां दुर्गा की भक्ति और श्रद्धा से पूजा करते हैं, वे इन 9 दिनों में मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं और मां उनके घरों में विराजमान होकर आशीर्वाद देती हैं। इस दौरान भक्त व्रत रखकर मां की अराधना करते हैं।

पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन को घटस्थापना या कलश स्थापना का दिन कहा जाता है। इस दिन मां शैलपुत्री को लाल रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं और भोग में गाय के दूध से बनी खीर अर्पित की जाती है।

क्या है पूजा विधि?

प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। पूजा से पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें। फिर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां का चित्र स्थापित करें और पूजा शुरू करें। सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करें और फिर हाथ में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें। मां को अक्षत, सिंदूर, धूप और पुष्प अर्पित करें। मां के मंत्रों का जाप करें और घी से दीपक जलाएं। इसके बाद मां की आरती करें, घंटी बजाएं और अंत में प्रसाद अर्पित करें।

घटस्थापना मुहूर्त

पहला मुहूर्त– सुबह 06:13 मिनट से सुबह 10:22 मिनट तक रहेगा

दूसरा अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक रहेगा

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