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पटरी पर पहली बार कैश: पंचवटी एक्सप्रेस में लगा भारत का पहला ऑनबोर्ड ATM, जानें सबसे अधिक किन्हें फायदा मिलेगा

नई दिल्ली (राशी सिंह)। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को एक नया मोड़ देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुंबई और मनमाड के बीच चलने वाली पंचवटी एक्सप्रेस में अब यात्रियों को चलती ट्रेन में ही एटीएम की सुविधा मिलेगी। यह देश में पहली बार हुआ है जब किसी ट्रेन के कोच में एक ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ATM) लगाई गई है। यह पहल मध्य रेलवे के भुसावल डिवीजन द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सहयोग से नॉन-फेयर रेवेन्यू स्कीम (NFR) के तहत की गई है।
क्या है यह सुविधा?
यह एटीएम ट्रेन की वातानुकूलित चेयर कार कोच के पिछले हिस्से में स्थापित किया गया है, जहां पहले अस्थायी पैंट्री थी। इस स्थान को पूरी तरह से पुनः डिजाइन करके एक कॉम्पैक्ट क्यूबिकल में बदला गया है, जिसे शटर डोर द्वारा सुरक्षित किया गया है ताकि चलती ट्रेन में भी यात्रियों को सुरक्षा और गोपनीयता मिल सके। इस कोच को मनमाड रेलवे वर्कशॉप में विशेष रूप से संशोधित किया गया है, जहां मशीन के लिए जरूरी इलेक्ट्रिकल और नेटवर्क सपोर्ट सिस्टम तैयार किया गया। मशीन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह चलते समय भी मोबाइल नेटवर्क से जुड़ी रहे और यात्रियों को बिना किसी रुकावट के नकद निकासी की सुविधा मिलती रहे।
क्या है इस पहल का उद्देश्य?
इस पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि चलती ट्रेनों में नकदी निकासी जैसी बैंकिंग सेवाएं कितनी व्यावहारिक और सुरक्षित हैं। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो भविष्य में अन्य ट्रेनों में भी इसी तरह की सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं, जिससे यात्रा और अधिक सुविधाजनक बन सके। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने बताया, "ट्रेन आज सुबह एटीएम कोच के साथ मुंबई पहुंची। यह एक अनूठी और उपयोगी पहल है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को यात्रा के दौरान वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना है।"
किन यात्रियों को मिलेगा लाभ?
यह सुविधा खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों और उन यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी होगी जिन्हें यात्रा के दौरान आकस्मिक रूप से नकदी की जरूरत पड़ सकती है। पंचवटी एक्सप्रेस प्रतिदिन मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) और नासिक के मनमाड जंक्शन के बीच चलती है। यह ट्रेन अपनी विश्वसनीय समयबद्धता और लगभग 4 घंटे 35 मिनट की यात्रा अवधि के कारण यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय है।
आगे की राह
ट्रेन में कुल 22 कोच हैं और इसकी बैठने की कुल क्षमता 2,016 यात्रियों की है। प्रतिदिन लगभग 2,200 यात्री इस ट्रेन से यात्रा करते हैं। रेलवे अधिकारी अब इस पूरी व्यवस्था की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, ताकि देखा जा सके कि यह सेवा यात्रियों के लिए कितनी उपयोगी है और किस तरह इसे और बेहतर बनाया जा सकता है। यदि यह प्रयास सफल रहता है, तो यह भारतीय रेलवे के राजस्व के वैकल्पिक स्रोत को मज़बूत करेगा और यात्रियों को नई तकनीक से जोड़ते हुए रेल यात्रा को और अधिक आधुनिक और सहूलियतपूर्ण बना देगा।