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कैबिनेट ने ₹1,500 करोड़ की योजना को दी मंजूरी, छोटे व्यापारियों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने छोटे व्यापारियों के लिए BHIM-UPI लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे लेनदेन आसान और सुविधाजनक हो सके।
इस योजना के तहत, केवल ₹2,000 तक के UPI पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन को ही प्रोत्साहन मिलेगा। छोटे व्यापारी हर लेनदेन पर कुल राशि का 0.15% प्रोत्साहन के रूप में प्राप्त करेंगे, जिससे उन्हें बिना किसी अतिरिक्त लागत के डिजिटल भुगतान अपनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह लाभ केवल छोटे व्यापारियों के लिए है, बड़े व्यापारियों को इस योजना के तहत कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा।
बैंकों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। अधिग्रहण करने वाले बैंकों को हर तिमाही में उनके कुल दावे की 80% राशि बिना किसी शर्त के दी जाएगी। बाकी 20% राशि तभी दी जाएगी जब बैंक कुछ शर्तों को पूरा करेंगे। इनमें एक शर्त यह है कि बैंक की तकनीकी विफलता दर 0.75% से कम होनी चाहिए। दूसरी शर्त यह है कि बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक होना चाहिए। यदि बैंक ये दोनों शर्तें पूरी करते हैं, तो उन्हें पूरी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
यह योजना डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है, जिससे छोटे व्यापारी आसानी से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के UPI भुगतान स्वीकार कर सकें। नागरिकों को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि वे निर्बाध रूप से डिजिटल लेनदेन कर सकेंगे। इससे देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और डिजिटल ट्रांजैक्शन का विस्तार होगा।
सरकार का लक्ष्य है कि यह योजना ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे। इसके लिए सरकार UPI 123PAY और ऑफलाइन UPI Lite जैसी सुविधाओं को भी आगे बढ़ा रही है, जिससे स्मार्टफोन न रखने वाले लोग भी आसानी से डिजिटल भुगतान कर सकें।
वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का लक्ष्य ₹20,000 करोड़ के कुल UPI लेनदेन तक पहुंचने का है। 2020 से सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को माफ कर रही है। बीते तीन वर्षों में, सरकार ने बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ₹7,000 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है।
इस योजना से छोटे व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन में भागीदारी के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।