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वाल्मीकि मंदिर में जूते बांट रहे थे भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा, रिटर्निंग ऑफिसर ने की FIR की मांग

Tripada Dwivedi
15 Jan 2025 6:13 PM IST
वाल्मीकि मंदिर में जूते बांट रहे थे भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा, रिटर्निंग ऑफिसर ने की FIR की मांग
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नई दिल्ली। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर भाजपा उम्मीदवार परवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसका तत्काल जांच शुरू करने को भी कहा है। उन्होंने शिकायत में लिखा है कि संभावित भाजपा उम्मीदवार परवेश साहिब सिंह वर्मा मंदिर मार्ग, पुलिस स्टेशन के पास वाल्मीकि मंदिर के धार्मिक परिसर में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को जूते बांट रहे हैं।

दरअसल, नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने बुधवार को नामांकन किया। पर्चा दाखिल करने से पहले प्रवेश वर्मा ने पूरे लाव-लश्कर के साथ यात्रा निकाली और समर्थकों के साथ पहुंचकर पर्चा दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने और पदयात्रा निकालने से पहले वर्मा ने मंदिर पहुंचकर त्रिशूल-गदा उठाया और भगवान के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने अपने हाथों से महिलाओं को जूते पहनाए। इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने भी उन पर वोटर्स को लालच देने का आरोप लगाया था।

थाना प्रभारी को लिखे पत्र में सिटर्निंग ऑफिसर ने कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि डॉ. रजनीश भास्कर, एडवोकेट ने व्हाट्सएप पर शिकायत की है कि प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, भावी भाजपा उम्मीदवार, मंदिर मार्ग, पुलिस स्टेशन के पास वाल्मीकि मंदिर के धार्मिक परिसर में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को जूते बांट रहे हैं। शिकायतकर्ता ने दो वीडियो भेजे हैं, जिसमें प्रवेश साहिब सिंह वर्मा महिलाओं को जूते बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो और शिकायत आपको पहले ही सुबह 10:36 बजे आपके आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर (8750870522) पर नीचे हस्ताक्षरकर्ता द्वारा भेजी जा चुकी है।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (1) (ए) के अनुसार, किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट द्वारा या उम्मीदवार या उसके चुनाव एजेंट की सहमति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को किसी प्रकार का उपहार, प्रस्ताव या वादा करना भ्रष्ट आचरण के अंतर्गत आता है। इसलिए, यह निर्देश दिया जाता है कि मामले की तत्काल जांच की जाए और एमसीसी के उल्लंघन के लिए उचित कार्रवाई की जाए तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत कार्रवाई शुरू की जाए तथा कार्रवाई रिपोर्ट यथाशीघ्र अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत की जाए।

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