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दिल्ली चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल का बड़ा आरोप, बोले- बूथ एजेंट्स को बंदी बनाकर कैसे रख सकते हो?
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने आप नेता राघव चड्ढा के ट्वीट को साझा करते हुए चुनाव आयोग और प्रशासन पर निशाना साधा।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि ये तो हद हो गई। रिलीवर को अंदर कैसे नहीं जाने दोगे। अगर अंदर मौजूद बूथ एजेंट को टॉयलेट जाना है, तो क्या उसे बंदी बनाकर रखोगे। उसकी जगह रिलीवर तो जाएगा। यह तो मानवाधिकार का उल्लंघन है। आप बूथ एजेंट्स को बंदी बनाकर कैसे रख सकते हो।
क्या है पूरा मामला?
राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि आप के बूथ एजेंट्स को चुनाव आयोग के नियमों के तहत अनुमत ‘रिलीवर’ नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति अस्थायी रूप से नहीं ले सकता। रिलीवर और पोलिंग एजेंट दोनों को पोलिंग एजेंट का दर्जा दिया जाता है, लेकिन नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में कई जगहों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं। लगभग आधे बूथों पर ये शिकायत आ रही है कि रिलीवर को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पोलिंग स्टेशन के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी हमारे रिलीवर को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। अगर रिलीवर अंदर नहीं गया और अगर हमारा पोलिंग एजेंट बाहर नहीं आया तो कितनी वोटिंग हुई। क्या उस बूथ पर कोई फर्जी वोटिंग हुई या किसी तरह का विवाद हुआ। ईवीएम ठीक से काम कर रही है या नहीं, ये सारी बातें आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आ सकती हैं। इसलिए मैं पूरे प्रशासन से मांग करने आया हूं। हमने जिला चुनाव अधिकारी से भी बात की है, हमने उनसे अनुरोध किया है कि हमारे रिलीवर को अंदर जाने दिया जाए। सभी के लिए एक समान अवसर होना चाहिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए। जो मतदाता किसी भी पार्टी को वोट देना चाहता है, उसे उस पार्टी को वोट देने दिया जाना चाहिए। अब अगर आखिरी दिन कोई हस्तक्षेप होता है, अगर कोई गुंडागर्दी होती है तो ये ठीक नहीं है। हमने ये सारी बातें भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी और नई दिल्ली के डीएम को भी लिखित में दे दी हैं।
आपको बता दें, कि रिलीवर का प्रावधान इसलिए किया जाता है ताकि अगर कोई एजेंट किसी जरूरी काम (जैसे टॉयलेट या खाने-पीने) के लिए बाहर जाता है, तो उसकी जगह कोई दूसरा एजेंट कुछ समय के लिए उसकी जिम्मेदारी निभा सके। आप का आरोप है कि प्रशासन और चुनाव आयोग यह व्यवस्था लागू नहीं कर रहा, जिससे उनके बूथ एजेंट्स को परेशानी हो रही है।