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APRIL PINK MOON 2025: आज की रात आकाश में खिलेगा 'गुलाबी चांद'! यह होगी साल की सबसे छोटी लेकिन खास पूर्णिमा...

नई दिल्ली (राशी सिंह)। आज रात आकाश में एक अनोखी खगोलीय घटना घटने जा रही है - पिंक मून, जिसे पास्कल मून और माइक्रोमून भी कहा जाता है। यह पूर्णिमा कई कारणों से खास है: यह वर्ष की सबसे छोटी, सबसे दूर और सबसे कम चमकीली पूर्णिमा होगी और भारत समेत पूरी दुनिया से दिखाई देगी।
क्या है 'पिंक मून'?
हालांकि नाम से लगता है कि चांद गुलाबी दिखाई देगा, असल में ऐसा नहीं है। 'पिंक मून' नाम की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका की पारंपरिक मूल अमेरिकी संस्कृतियों से हुई है। अप्रैल के महीने में 'मॉस पिंक' या 'रेंगने वाले फ़्लॉक्स' जैसे गुलाबी रंग के वसंत फूल खिलते हैं और इन्हीं के नाम पर इस पूर्णिमा को 'पिंक मून' कहा जाता है। यह नाम बदलते मौसम और प्रकृति के पुनर्जागरण का प्रतीक है।
माइक्रोमून: छोटा लेकिन अनूठा
इस साल की पिंक मून एक माइक्रोमून होगी, यानी उस समय चंद्रमा पृथ्वी से अपने सबसे दूर के बिंदु ‘अपोजी’ पर होगा। इसकी वजह से यह सामान्य पूर्णिमा की तुलना में आकाश में थोड़ा छोटा और कम चमकीला दिखाई देगा। जबकि सुपरमून बड़े और अधिक रोशन होते हैं, माइक्रोमून की अपनी ही एक शांति और आकर्षण होता है।
तारीख और समय
अप्रैल पिंक मून 12 अप्रैल, 2025 को रात 8:22 बजे (EDT) पर चरम पर होगी, जो भारतीय समय अनुसार 13 अप्रैल की सुबह 5:00 बजे IST है। यह दृश्यता के लिहाज से एक बेहतरीन मौका होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो आकाशीय घटनाओं में रुचि रखते हैं।
भारत में दृश्यता
भारत में यह पूर्णिमा रविवार, 13 अप्रैल की सुबह स्पष्ट रूप से देखी जा सकेगी। चंद्रमा को बिना किसी दूरबीन के भी देखा जा सकता है, अपने घर की बालकनी, छत या खुले मैदान से। यह दृश्यता देशभर में होगी, लेकिन प्रकाश प्रदूषण से दूर स्थानों से इसे और भी स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है।
देखने की सर्वोत्तम युक्तियां और स्थान
1. समय: सूर्यास्त के ठीक बाद चंद्रमा क्षितिज के पास उगता है, उस समय यह बड़ा और नारंगी दिखाई दे सकता है। इसे 'मून इल्यूज़न' कहते हैं।
2. स्थान:
शहरी क्षेत्र: ऊंची इमारतों या छतों से पूर्वी दिशा में खुला आकाश चुनें।
ग्रामीण और तटीय क्षेत्र: खुले मैदान, पहाड़ियों की चोटियाँ और समुद्र तट जैसे स्थान सबसे उपयुक्त होते हैं।
3. उपकरण: बिना उपकरण के भी देखा जा सकता है, लेकिन दूरबीन से क्रेटर और चंद्र सतह की छाया बेहतर दिखाई देती है।
4. साथ देने वाला तारा: कन्या नक्षत्र का सबसे चमकीला तारा स्पाइका गुलाबी चंद्रमा के पास दिखाई देगा। इसे 'बिग डिपर' के हैंडल की दिशा में देखकर आसानी से पहचाना जा सकता है।
5. खास खगोलीय दृश्य: मध्य और दक्षिण अमेरिका में कुछ स्थानों से चंद्रमा कुछ देर के लिए स्पाइका तारे को ढकते हुए भी दिखाई देगा, इसे 'अधिव्यापन' कहते हैं।
सांस्कृतिक और खगोलीय महत्व
पिंक मून सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं है, यह सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इसे पास्कल मून भी कहा जाता है क्योंकि यह ईस्टर संडे की तारीख तय करने में मदद करता है। साल 2025 में, ईस्टर 20 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह पूर्णिमा वसंत की शुरुआत, नई ऊर्जा और परिवर्तन का प्रतीक मानी जाती है।
मज़ेदार तथ्य
चांद गुलाबी नहीं, नारंगी या सुनहरा दिख सकता है, वायुमंडलीय स्थितियों के कारण।
यह चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 4,05,000 किलोमीटर दूर होगा।
यह घटना ऑनलाइन भी लाइव स्ट्रीम की जाएगी, जिससे वे लोग भी इसका आनंद ले सकते हैं जो बाहर जाकर नहीं देख सकते।