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अजित पवार का बड़ा बयान-जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा

Varta24 Desk
22 March 2025 6:28 PM IST
अजित पवार का बड़ा बयान-जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा
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रमजान के महत्व पर बोलते हुए कहा, रमजान किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, यह इंसानियत, त्याग और आत्मचिंतन का प्रतीक है

मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है। औरंगजेब की कब्र को लेकर राजनीतिक पार्टी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। हालांकि इस बीच उपमुख्यमंत्री और NCP के प्रमुख अजित पवार ने खुद की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा हुआ है।

एकता ही हमारी असली ताकत है

बता दें कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुद की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना है। हमने अभी होली मनाई है, गुड़ी पड़वा और ईद आने वाली है, ये सभी त्यौहार हमें एक साथ मिलकर मनाने हैं क्योंकि एकता ही हमारी असली ताकत है।

पवार ने आगे कहा, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है, जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, अगर कोई भी दो गुटों में झगड़ा कराकर अमन-शांति को भंग करेगा और कानून को अपने हाथ में लेता है, चाहे वह कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।

भारत वास्तव में अनेकता में एकता की मिसाल है

हालांकि उन्होंने आगे रमजान के महत्व पर बोलते हुए कहा, रमजान किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, यह इंसानियत, त्याग और आत्मचिंतन का प्रतीक है। यह आत्मसंयम सिखाता है और हमें जरूरतमंदों के दुख-दर्द को समझने की प्रेरणा देता है। रोजा न केवल शरीर को, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। भारत वास्तव में अनेकता में एकता की मिसाल है।

राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर हुआ तेज

उपमुख्यमंत्री पवार के इस बयान के बाद सहयोगी पार्टी बीजेपी नेता नितेश राणे के बयान पर करारा जवाब माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। खासकर तब जब महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा कई जगह भड़क रहे हैं जबकि बीजेपी नेता नितेश राणे ने हाल ही में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में एक भी मुसलमान नहीं था। अजित पवार से राणे की इस टिप्पणी के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नेताओं को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों से सांप्रदायिक तनाव पैदा न हो।

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