
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- तहव्वुर की वापसी के...
तहव्वुर की वापसी के बाद मुंबई हमले के 'हीरो' के भाई बोले, फांसी दी जाए, जानें कैसे हीरो बने तुकाराम ओंबले

मुंबई। साल 2008 के मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा चुका है। जिसके बाद मुंबई हमले के पीड़ितों में काफी खुशी है और सभी सजा की मांग कर रहै है। मुंबई हमले के हीरो और आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाले तुकाराम ओंबले को भला कौन भूल सकता है।
उनके साहस और योगदान ने साजिशकर्ताओ को जिंदा पकड़ा था। अब उनके भाई एकनाथ ओंबले का कहना है कि ये देश के लिए बड़ा दिन है। उन्होंने तहव्वुर राणा को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है।
क्या बोले एकनाथ ओंबले
एकनाथ ओंबले ने तहव्वुर की वापसी पर खुशी जाहिर की और कहा 'कई मासूम लोग और पुलिसकर्मी मारे गए थे। वह एक दर्दभरी रात थी। तहव्वुर राणा, डेविड हेडली का करीबी था, जो मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। यह देश के लिए बड़ा दिन है।
मेरी सरकार से अपील है कि उसे जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।' ताकि पाकिस्तान दोबारा ऐसी हिमाकत करने से पहले दो बार सोचे। हालांकि हमने अजमल कसाब को फांसी देने में हुई देरी को भी हमने झेला।
तुकाराम ओंबले का बलिदान
तुकाराम ओंबले मुंबई पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक थे। उन्होंने 26-11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान अपना पराक्रम और शौर्य का परिचय दिया था। ओंबले एक सच्चे नायक थे। उन्होंने अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था । इस वीरता में वो शहीद हो गए थे। ओंबले जी को 23 गोलियां लगी थी। उनका शरीर गोलियों से छलनी हो गया था, लेकिन उन्होंने कसाब को पकड़े रखा था। तुकाराम ओंबले को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।