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Wakf Amendment Bill: AAP विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, कांग्रेस और ओवैसी पहले ही कर चुके हैं विरोध

DeskNoida
5 April 2025 10:13 PM IST
Wakf Amendment Bill: AAP विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, कांग्रेस और ओवैसी पहले ही कर चुके हैं विरोध
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विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाता है और उनके धार्मिक अधिकारों में कटौती करता है।

आम आदमी पार्टी (AAP) ने संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे पहले कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं। यह विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।

इस विधेयक में 1995 के वक्फ कानून में बदलाव किया गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाता है और उनके धार्मिक अधिकारों में कटौती करता है। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने याचिका दाखिल कर कहा है कि यह विधेयक मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करता है और अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थानों का संचालन करने के अधिकार से वंचित करता है।

सरकार की ओर से कहा गया है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को लाभ पहुंचाएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाएगा। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह कानून संविधान में दिए गए कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, जिनमें समानता का अधिकार, धार्मिक मामलों का प्रबंधन और अल्पसंख्यकों के अधिकार शामिल हैं।

कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विधेयक को कोर्ट में चुनौती दी है। जावेद का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है, जबकि ओवैसी ने कहा है कि वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अन्य धार्मिक संस्थानों के मामलों में नहीं होता और यह संविधान का गंभीर उल्लंघन है।

ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कानून मुस्लिमों के अधिकार छीनने और उनके खिलाफ एक अभियान जैसा है। दूसरी ओर, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि यह कानून वक्फ बोर्डों को जवाबदेह बनाएगा और इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी मस्जिद या कब्रिस्तान को नहीं छुआ जाएगा।

लोकसभा में यह विधेयक 288 वोटों से पास हुआ, जबकि इसके विरोध में 232 वोट पड़े। इसके बाद राज्यसभा में भी यह विधेयक 128 के मुकाबले 95 वोटों से पारित हो गया। शुक्रवार की नमाज के बाद कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद समेत कई शहरों में इस विधेयक के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

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