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अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय अमृतसर पहुंचे, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, सबसे अधिक गुजरात और पंजाब के

Tripada Dwivedi
5 Feb 2025 5:04 PM IST
अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय अमृतसर पहुंचे, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, सबसे अधिक गुजरात और पंजाब के
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अमृतसर। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त आव्रजन कानूनों के तहत वहां अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों पर कार्रवाई की जा रही है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीय नागरिक श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अमृतसर पर पहुंच चुके हैं। अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 फ्लाइट संख्या आरसीएम 175 के माध्यम से ये यात्री सैन एंटोनियो, अमेरिका से दोपहर 1:30 बजे पहुंचे। पहले विमान के सुबह 8 बजे पहुंचने की सूचना थी, लेकिन यह दोपहर 2 बजे लैंड हुआ और 4:30 बजे वापस रवाना होगा। एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं।

छह राज्यों के नागरिक शामिल

डिपोर्ट किए गए 104 भारतीय नागरिकों में छह राज्यों के लोग शामिल हैं। जिनमें गुजरात के 33, पंजाब के 30, हरियाणा के 33, उत्तर प्रदेश के 02, चंडीगढ़ के 02 और महाराष्ट्र के 03 लोग शामिल है।

पंजाब से 30 नागरिक अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे हैं, जिनमें कपूरथला के 6 लोग, अमृतसर के 5, पटियाला के 4, जालंधर के 4, नंवाशहर के 2, होशियारपुर के 2 लुधियाना के 2 मोहाली से 1 फतेहगढ़ साहिब से 1, तरनतारन से 1, गुरदासपुर से 1 और संगरूर से भी एक नागरिक अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस पंजाब लौटा है।

अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के पीछे ये कारण

डिपोर्ट किए गए अधिकांश नागरिक पंजाब और हरियाणा से थे, जिससे अमृतसर को प्राथमिकता दी गई। वहीं, बुधवार को दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था, जिससे वहां लैंडिंग से विवाद बढ़ सकता था, क्योंकि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ट्रैफिक अधिक रहता है, इसलिए अमृतसर को विकल्प के रूप में चुना गया। अब अमेरिका से डिपोर्ट हुए इन नागरिकों से सुरक्षा एजेंसियां आवश्यक पूछताछ कर रही हैं।

भारतीय प्रशासन ने लिया डिटेन, दस्तावेजों की जांच जारी

अमृतसर पहुंचने के बाद इन सभी डिपोर्ट किए गए भारतीयों को जिला प्रशासन द्वारा डिटेन किया गया है। एयरपोर्ट पर उनके दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। आवश्यक औपचारिकताओं के बाद इन्हें अपने-अपने घरों के लिए रवाना किया जाएगा। अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले अधिकांश लोग एजेंटों के माध्यम से ‘डौंकी रूट’ (Donkey Route) अपनाते हैं।

एजेंट प्रति व्यक्ति 35 से 40 लाख रुपये लेते हैं

मैक्सिको, पनामा और अन्य देशों के जंगलों व दुर्गम रास्तों से इन लोगों को अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश कराया जाता है।

कई लोग भूख, प्यास और खतरनाक परिस्थितियों के कारण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। अमेरिका से लौटाए गए इन नागरिकों से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं, ताकि अवैध मानव तस्करी में लिप्त एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

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