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टेक्नोलॉजी

जापान करेगा भारत की तरह चांद पर उतरने की कोशिश

Kanishka Chaturvedi
19 Jan 2024 10:34 AM GMT
जापान करेगा  भारत की तरह चांद पर उतरने की कोशिश
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जापान की स्‍पेस एजेंसी ‘जाक्‍सा' (Jaxa) का मून मिशन इस शनिवार 20 जनवरी को चंद्रमा पर लैंड करने की कोशिश करेगा। सबकुछ प्‍लान के हिसाब से हुआ तो जापान, चंद्रमा पर उतरने वाला पांचवां देश बन जाएगा। पिछले साल 7 सितंबर को जापान ने SLIM (स्‍मार्ट लैंडर फॉर इन्‍वेस्टिगेटिंग मून) स्‍पेसक्राफ्ट को मिशन पर रवाना किया था। ‘स्लिम' लैंडर भारतीय समय के अनुसार रात 8:50 बजे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा।

ISRO 40 दिन में चांद पर पहुंचा, जापान ने लगाए 4 महीने

भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसराे (ISRO) ने चांद पर पहुंचने में 40 दिन लगाए थे। तब कहा गया कि हम अमेरिका और रूस जैसे देशों से धीमे हैं। लेकिन जापानी मिशन लॉन्‍च के करीब 4 महीने बाद चंद्रमा पर लैंड करने की कोशिश करने जा रहा है।

इसकी प्रमुख वजह है कि चांद तक पहुंचने के लिए जापान ने जिस SLIM स्‍पेसक्राफ्ट का इस्‍तेमाल किया, वह लंबा रास्‍ता है। इससे ईंधन की खपत कम हुई है। 4 महीनों के सफर में जापान का स्‍पेसक्राफ्ट करीब एक महीने से चांद का चक्‍कर लगा रहा है।

कहां उतरेगा जापान का स्‍पेसक्राफ्ट

जापान का मिशन चांद पर शियोली क्रेटर (Shioli Crater) में लैंडिंग की कोशिश करेगा। जापानी स्‍पेस एजेंसी का मकसद तय जगह पर सटीक लैंडिंग को हासिल करना और एक प्रोब के तौर पर मिशन को सफल बनाना है। SLIM लैंडर की तुलना भारत के विक्रम लैंडर से की जाए, तो यह वजन में बहुत कम है। SLIM लैंडर लगभग 200 किलो का है, जबकि विक्रम लैंडर का वजन 1750 किलो था। पिछले साल सितंबर में जाक्‍सा ने स्लिम स्‍पेसक्राफ्ट (SLIM) को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के मकसद से रवाना किया था। स्‍पेसक्राफ्ट को H-2A नाम के रॉकेट पर सवार होकर भेजा गया था।

अब तक चार देश चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर पाए हैं, जिनमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत शामिल हैं।

Kanishka Chaturvedi

Kanishka Chaturvedi

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