यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर शुल्क बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच चल रहा व्यापार विवाद और गहरा गया है।