यह बयान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की जनसंख्या के आधार पर संसदीय क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण और तीन भाषा नीति को लेकर की गई आलोचना की पृष्ठभूमि में आया है।