“भारती जय भारती के गीत गाते झूमते, आज उन रण बांकुरों की शान में अपना नमन, देश की खातिर मिटे जो फांसियों को चूमते”पृथ्वी में जल की बात हो या आदमियत की नीयत की स्तर गिर रहा है ...। “कहते हैं सच जिंदा...