परेश ने इसे "जादू जैसा अनुभव" बताया, कहा, "अगर मुझे मूत्र पीना है तो मैं उसे एक बार में नहीं पीऊंगा, बल्कि बीयर की तरह घूंट-घूंट करके पीऊंगा, ताकि इसे सही तरीके से कर सकूं"