Begin typing your search above and press return to search.
खेल

U19 World Cup: भारतीय युवा खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल ,अंडर-19 फाइनल में हारने के बाद भी , जानें उनके बारे में

Kanishka Chaturvedi
13 Feb 2024 9:27 AM GMT
U19 World Cup: भारतीय युवा खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल ,अंडर-19 फाइनल में हारने के बाद भी , जानें उनके बारे में
x

उदय सहारन के नेतृत्व में भारत ने अंडर-19 विश्व कप के लगातार पांचवें फाइनल में प्रवेश किया लेकिन इसमें चूकने के बावजूद खिलाड़ियों ने दिल जीत लिया और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद कायम रखी। रिकॉर्ड पांच बार की चैंपियन भारतीय टीम रविवार को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 79 रन से हार गई। टूर्नामेंट में भारत को गौरवान्वित कराने वाले टीम के सदस्यों के प्रदर्शन पर एक नजर।

उदय सहारन: भारत के अंडर-19 कप्तान बल्लेबाजी लाइन अप का आधार रहे और टीम को दबाव भरी परिस्थितियों से बाहर निकाला। विशेषकर सेमीफाइनल में। अन्य मुकाबलों में उन्होंने बड़े स्कोर के लिए अच्छी नींव रखी। इस प्रदर्शन की बदौलत वह 397 रन के साथ टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर रहे जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। अपने क्रिकेट कॅरिअर को आगे बढ़ाने के लिए सहारन ने राजस्थान के गंगानगर से पंजाब जाने का फैसला किया।

सचिन धस: महाराष्ट्र के बीड के इस खिलाड़ी ने अपनी ‘ फिनिशिंग ’ की काबिलियत से सबको आकर्षित किया। उनका नाम महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया। धस ने बल्ले से ‘एक्स फैक्टर’प्रदान किया और जोखिम भरे खेल के बावजूद टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले शीर्ष पांच खिलाड़ियों में शामिल रहे। सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी 96 रन की पारी ने भारत की जीत में अंतर पैदा किया क्योंकि टीम ने 32 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिए थे।

मुशीर खान: अपने बड़े भाई सरफराज खान की तरह मुशीर को लंबे समय तक बल्लेबाजी करना पसंद है। उन्होंने टूर्नामेंट में दो शतक और एक अर्धशतक से कुल 360 रन बनाए। उनके पिता नौशाद ने उनके क्रिकेट कॅरिअर में बड़ी भूमिका निभाई है।

सौम्य पांडे: राजस्थान के भरतपुर में एक स्कूल शिक्षक के बेटे सौम्य ने अपनी सटीक बायें हाथ की स्पिन से टूर्नामेंट में भारत को सही समय पर विकेट दिलाए और वह 18 विकेट लेकर टीम के सर्वाधिक विकेट झटकने वाले गेंदबाज रहे। उनके पिता ने उन्हें फिट बनाने के लिए क्रिकेट में डाला था।

अर्शिन कुलकर्णी : महाराष्ट्र के सोलापुर के इस ऑराउंडर को अंडर-19 विश्व कप खेलने से पहले ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अनुबंध मिल गया था। कुलकर्णी ने अपनी मध्यम गति से भी काफी योगदान दिया है और उन्हें भविष्य का हार्दिक पंड्या कहा जा रहा है। उन्होंने आईसीसी टूर्नामेंट में भारत के लिए पारी का आगाज किया।

राज लिम्बानी : ‘कच्छ के रण’ के दायें हाथ के तेज गेंदबाज लिम्बानी ने नई गेंद से प्रभावित किया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए छक्का जड़कर भारत को नौवीं बार फाइनल में पहुंचाया। अपने सपने को साकार करने के लिए लिम्बानी को दयापुर गांव छोड़कर बड़ौदा आना पड़ा।

प्रियांशु मोलिया : लिम्बानी की तरह मोलिया भी बड़ौदा में रहते हैं और उन्होंने सात प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 144 रन रहा है। मध्यक्रम का यह बल्लेबाज आफ स्पिन गेंदबाजी कर सकता है। वह दक्षिण अफ्रीका में हालांकि ज्यादा कुछ नहीं कर पाए क्योंकि ज्यादातर मैच में शीर्ष क्रम ने रन जुटाए।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नमन है बुमराह के मुरीद

नमन तिवारी : लखनऊ का यह बायें हाथ का तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आदर्श मानता है और उन्होंने भारत के इस तेज गेंदबाज से यॉर्कर डालना सीखा है। उन्होंने टूर्नामेंट में 19.83 के औसत से 12 विकेट चटकाए।

मुरुगन अभिषेक : हैदराबाद का युवा ऑफ स्पिनर आर अश्विन से काफी प्रभावित है। हालांकि वह काफी विकेट नहीं ले सके लेकिन रन गति पर लगाम कसने में सफल रहे।

अरावेली अवनीश : रवि शास्त्री और आर श्रीधर की अकादमी का यह विकेटकीपर बल्लेबाज हैदराबाद के लिए लिस्ट ए में पदार्पण कर चुका है और हाल में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा था जो उनकी प्रतिभा का प्रमाण है। वह तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले के पोथुगल गांव से हैं।

आदर्श के क्रिकेट के लिए पिता ने बेच दी जमीन

आदर्श सिंह: बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने लगातार टीम को मजबूत शुरुआत दी। बांग्लादेश के खिलाफ उनकी 76 रन की शानदार पारी ने भारत को एक आदर्श शुरुआत कराइ्र। फाइनल में भी उन्होंने 77 गेंद में 47 रन की संघर्षपूर्ण पारी खेली। आदर्श की क्रिकेट यात्रा में उनके परिवार का बलिदान अहम रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान उनके पिता और भाई की नौकरी चली गई लेकिन परिवार ने सुनिश्चित किया कि उनका क्रिकेट जारी रहे जिसके लिए उन्होंने अपनी जमीन भी बेच दी।

इनेश महाजन: वह टीम के रिजर्व विकेटकीपर थे और अवनीश के कारण उन्हें मौका नहीं मिला। नोएडा के बायें हाथ के बल्लेबाज इनेश एमएस धोनी के मुरीद हैं।

धनुष गौड़ा: बंगलूरु का उभरता हुआ यह तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और आर विनय कुमार के नक्शेकदम पर चलना चाहता है। उन्हें हालांकि अपने कौशल को दिखानेका मौका नहीं मिला। वह कुछ बड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि उनके पिता अपने क्रिकेट सपने को पूरा करने में असफल रहे जबकि चोटों ने उनके बड़े भाई का कॅरिअर बरबाद कर दिया।

Kanishka Chaturvedi

Kanishka Chaturvedi

    Next Story