Team India: एशिया कप ने सुलझाई वर्ल्ड कप की मुश्किलें, राहुल-ईशान ने सुलझाया मिडिल ऑर्डर का संकट!
2019 वनडे वर्ल्ड कप और 2022 टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारतीय टीम प्रयोगों के दौर से गुजरती रही, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. एशिया कप की जीत ने 5 अक्टूबर से शुरू होने वाले वनडे वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया की मुश्किलें हल कर दी हैं. एशिया कप से पहले चर्चा का केंद्र रहे टीम के मिडिल ऑर्डर को केएल राहुल और ईशान किशन ने अपने दम पर सुलझा लिया है. प्रदर्शन. वहीं, जसप्रीत बुमराह की वापसी, मोहम्मद सिराज, हार्दिक पंड्या की घातक गेंदबाजी और कुलदीप यादव की फिरकी ने टीम को गेंदबाजी में अतिरिक्त मजबूती प्रदान की है।
राहुल ने हर शंका को ख़त्म कर दिया
एशिया कप से पहले केएल राहुल को लेकर सबसे ज्यादा संशय था. चोट से उबरने के कारण वह टूर्नामेंट के पहले दो मैचों में भी टीम में नहीं थे। यह साफ नहीं था कि वह वापसी में सफल होंगे या नहीं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 111 रनों की नाबाद पारी ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया. राहत की बात यह है कि राहुल ने सभी मैचों में विकेटकीपिंग भी की. उनकी विकेटकीपिंग भी बेहतरीन थी. उन्होंने तेज गेंदबाजों पर डाइव लगाकर कैच भी लपके और कुलदीप यादव की गेंदबाजी पर बेहतरीन विकेटकीपिंग भी की.
डबल रोल के बारे में पहले बताया था
टीम प्रबंधन ने पहले ही राहुल को दोहरी भूमिका देने का मन बना लिया था. राहुल का यह भी कहना है कि टीम प्रबंधन ने उन्हें उनकी भूमिका के बारे में पहले ही बता दिया था. यही कारण था कि एनसीए में रिहैबिलिटेशन के दौरान वह कोचों से बात कर बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग में भी हाथ आजमाते रहे. यही वजह थी कि उन्हें भरोसा था कि वह जब भी निभाएंगे अपने किरदार के साथ न्याय कर पाएंगे।
ईशान ने मध्यक्रम में संतुलन दिया
टीम मैनेजमेंट को उम्मीद थी कि श्रेयस अय्यर भी राहुल की तरह वापसी करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच खेलने के बाद वह फिर से चोटिल हो गए. हालांकि अभी भी उनकी फिटनेस का आकलन किया जा रहा है. इसके बावजूद टीम प्रबंधन उन्हें लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होगा, क्योंकि ईशान किशन ने मध्यक्रम में दी गई जिम्मेदारी का दोनों हाथों से फायदा उठाया है. पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने हार्दिक पंड्या के साथ शानदार साझेदारी की. उन्होंने यहां 82 रन बनाए और दिखाया कि वह इस भूमिका के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के नाते इशान मध्यक्रम में टीम को अच्छा संतुलन दे रहे हैं.
कुलदीप फिर बने मैच विनर
भारतीय टीम के लिए चिंता का एकमात्र कारण स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ उनका प्रदर्शन रहा है। श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों का ठीक से सामना नहीं कर सके और बिखर गये. विश्व कप के दौरान भी टीम को स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल पिचें मिल सकती हैं। हालांकि स्पिन गेंदबाजी में कुलदीप यादव के प्रदर्शन ने टीम मैनेजमेंट को बड़ी राहत दी है. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पांच और श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई. वह मैन ऑफ द सीरीज भी बने. कप्तान रोहित ने कुलदीप के बारे में कहा कि जब हम उसे लेकर आए तो वह दबाव में था, लेकिन उसने अच्छा प्रदर्शन किया जिससे उसका मनोबल बढ़ा. वह फिलहाल ऐसे मूड में हैं कि मैच के दौरान किसी भी स्थिति में टीम के लिए वापसी कर सकें.
गेंदबाजी में रोहित के पास हर विकल्प मौजूद है
रोहित शर्मा गेंदबाजों के प्रदर्शन से बेहद खुश हैं. एशिया कप जीतने के बाद रोहित ने कहा कि एक कप्तान को इससे ज्यादा क्या चाहिए जब उसके पास तेज, स्विंग और उछाल भरी गेंद फेंकने वाले गेंदबाज हों. एक साल में यह पहला मौका था जब बुमराह, सिराज और हार्दिक मैच में एक साथ आए और शानदार गेंदबाजी की। इन तीनों की गेंदबाजी के कारण मोहम्मद शमी जैसा गेंदबाज बेंच पर बैठा रहा, लेकिन रोहित के लिए यह सुखद स्थिति है कि उनके पास शमी जैसे गेंदबाज का विकल्प है. सिराज ने फाइनल में 21 रन देकर छह विकेट लेकर विश्व कप के लिए बुमराह का जोड़ीदार बनने का रास्ता भी साफ कर लिया.
एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय
इशान किशन-6 मैच 143 रन
हार्दिक पंड्या-5 मैच, 92 रन, छह विकेट
केएल राहुल-4 मैच 169 रन, एक शतक
जसप्रित बुमरा-चार मैच, चार विकेट
कुलदीप यादव - पांच मैचों में नौ विकेट
मोहम्मद सिराज-पांच मैचों में 10 विकेट