जब जेसीबी के प्रहार पर नाराज़ हुए भोलेनाथ ,दिखाया अपना रौद्र रूप !
हम अक्सर अपने जीवन में देवी देवताओं और प्रकृति के चमत्कारों से जुड़े रहस्यों और मान्यताओं को आप तक पहुंचाते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की जिसने इस पूरी सृष्टि का निर्माण किया है अगर उनके अस्तित्व पर संदेह किया जाए तो इसका परिणाम क्या होगा आज के इस वीडियो में हम आपको दिखाएंगे एक ऐसी ही सत्य घटना जिसमें देवों के देव महादेव ने स्वयं अपने सबसे प्रिय भक्त को पृथ्वी लोक में भेज कर मानव जाति को अपने होने का एहसास कराया दोस्तों भोलेनाथ की कृपा अपरंपार है वह कभी संघारक तो कभी पालनहार के रूप में जाने जाते हैं.कहते हैं कि जब भगवान शिव को गुस्सा आता है तो वह संघारक यानी डिस्ट्रॉयर का काम करते हैं.और यही वजह है की देवों के देव महादेव के 12 नाम है नीलकंठ गले में नाग धारण करने वाले हाथ में त्रिशूल संग बंधा हुआ डमरू आभूषण के रूप में रुद्राक्ष और सर में बंधी जटाओं से निकलती मां गंगा महादेव के स्वरूप को वर्णित करती है
त्रिदेव जितने सौम्या है उतने ही रौद्र भी अब जिस घटना के बारे में हम आपको बताने वाले हैं वह हाल फिलहाल में ही घटित हुई है दरअसल सरकार द्वारा लगातार जेसीबी और अन्य मशीनों द्वारा खुदाई का काम कराया जा रहा था दो दिनों से लगातार मिट्टी और जमीन खोदने का काम चल रहा था, लेकिन इस बीच भगवान शिव के गले में शोभा पाने वाला वासुकी नाग एकाएक सभी लोगों के सामने आ गया इधर खुदाई के दौरान कई क्विंटल मिट्टी निकल जा रही थी लेकिन इस समय जेसीबी के ड्राइवर ने एक नाग को खुदाई वाले स्थान पर देखा नाग देखने के बाद ड्राइवर ने खुदाई वाली कार्रवाई को थोड़ी देर के लिए रोक दिया और सभी मिलकर उसे सांप को वहां से भगाने की कोशिश में जुट गए जब काफी कोशिशें के बाद भी वह उसे नाक को वहां से नहीं भगा पाये तो वहां मौजूद कर्मचारी प्रशासन और सरकार सभी हैरान परेशान हो गए लेकिन घंटो के प्रयासों के बाद जैसे तैसे करके उसे नाग को वहां से हटाया गया और एक बार फिर से जेसीबी मशीन को चालू किया गया और वह लगातार खुदाई करने लगी लेकिन इतनी देर में ही जेसीबी मशीन अचानक रुक गई और बहुत बड़ी आवाज सभी लोगों को सुनाई पड़ी ,आवाज सुनने में इतनी भयानक थी मानो किसी ने गोली चलाई हो या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो लोहे से लोहे के टकराने के बाद जैसी भयानक आवाज आती है वैसी आवाज सबने सुनी जैसे ही आवाज सुनने के बाद ड्राइवर ने अपनी मशीन रोक तो उसने देखा की मिट्टी के बीचो-बीच एक चीज लगातार चमक रही है इसके बाद उसने बड़े अफसर को इसके बारे में सूचित किया और फिर सबने इसे लोहे की कोई धातु समझकर दोबारा खुदाई करना शुरू कर दिया महादेव द्वारा बार-बार दी जा रही चेतावनी को यह लोग समझ नहीं पा रहे थे जिसका नतीजा यह हुआ कि आधे घंटे के अंदर जेसीबी मशीन ने काम करना बंद कर दिया नई मशीन में खराबी आने की वजह से सभी लोग बहुत हैरान थे लेकिन कई किलो की मिट्टी हटाने के बाद अब वह खास चमकदार चीज ज्यादा नजर आ रही थी और जब वहां मौजूद लोगों ने उसके ऊपर लगी मिट्टी को हटाया तो उन्होंने देखा कि वहां कोई और नहीं बल्कि शेषनाग था जो एक खास प्रतिमा की सुरक्षा कर रहा था. इसके बाद उन्होंने फिर से दूसरी जेसीबी मशीन मंगवा कर उसके बगल में खुदाई करवाना शुरू कर दिया
अब जैसे-जैसे खुदाई होती जा रही थी लोग हैरान होते चले गए,,, 2 घंटे की खुदाई के बाद सबको यह मालूम हो चुका था कि वह शेषनाग किसी और कि नहीं बल्कि अष्टधातु से बनी भगवान शिव के रौद्र रूप की मूर्ति की सुरक्षा कर रहा था,,, अब यह देखकर सभी ड्राइवर ने मिलकर उसे मूर्ति को जमीन से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहे,,, जिसके बाद उसे क्रेन की मदद से बाहर निकालने की कोशिश की जाने लगी,,, जब क्रेन की पत्तों की सहायता से उस मूर्ति को ऊपर उठने की कोशिश की गई तो शुरुआत में कुछ पट्टे टूट गए,,, लेकिन दूसरे प्रयास में वह मूर्ति बाहर आने लगी,,, हैरानी की बात यह है कि वह मूर्ति 11 फीट ऊंची थी जो कि अष्ट धातु की बनी थी,,, धीरे-धीरे सबको यह बात समझ में आने लगी मिट्टी की खुदाई के दौरान उन्हें जो नाग दिखा था वह स्वयं भगवान शिव का नाग था,,, जो स्वयं उसे मूर्ति की सुरक्षा कर रहा था और इसीलिए बार-बार जेसीबी मशीन के सामने आ रहा था ताकि मूर्ति को कोई नुकसान ना पहुंच सके,,, आपको बता दे कि पुरातत्व विभाग ने इस बात पर शोध किया है कि भगवान शिव की यह मूर्ति हजारों साल से भी ज्यादा पुरानी हो सकती है और अभी भी लगातार इस पर शोध चल रहा है,,, हमारे देश की मिट्टी से इस तरह की पौराणिक मूर्तियां का निकलना कोई नई बात नहीं है,, लेकिन 11 फीट ऊंची यह अष्टधातु की मूर्ति सभी को हैरान कर रही है,,, कि आखिर इसको किसने बनवाया,,, क्या जहां से यह मिली है उसके नीचे कोई मंदिर है या फिर कोई गहरा रहस्य छुपा है.|