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धर्म

सामाजिक समरसता... जाति नहीं, योग्यता से बने; राम मंदिर में होंगे 24 पुजारी; तीन माह का प्रशिक्षण

Sanjiv Kumar
2 Jan 2024 5:37 AM GMT
सामाजिक समरसता... जाति नहीं, योग्यता से बने; राम मंदिर में होंगे 24 पुजारी; तीन माह का प्रशिक्षण
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राममंदिर में 24 पुजारी होंगे। इनमें दो एससी और एक ओबीसी के होंगे। तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद यह पुजारी तैनात होंगे। प्रशिक्षण में पुजारी युवा गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे हैं। इनमें से न तो कोई मोबाइल का उपयोग कर सकता है और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से कोई संपर्क कर सकता है।

नगरी भगवान राम की है, संदेश भी आदर्श और सामाजिक समरसता का होगा। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के साथ ही पुजारियों से जुड़े नए प्रतिमान गढ़े जाएंगे। राममंदिर के लिए पूरे देश से चुने गए 24 पुजारी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें से दो अनुसूचित जाति (एससी) व एक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं।

मंदिर के विग्रहों पर पूजन के लिए राममंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और महंत सत्यनारायण दास पौरोहित्य व कर्मकांड का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हालांकि पहली बार नहीं है, जब किसी गैर ब्राह्मण को पुजारी नियुक्त किया गया है।

राममंदिर में इसके पूर्व में मुख्य पुजारी अन्य पिछड़ा वर्ग से थे। दक्षिण भारत के मंदिरों की बात करें तो 70 फीसदी पुजारी गैर ब्राह्मण हैं। शैव परंपरा के अखाड़ों में भी गैर ब्राह्मणों का ही वर्चस्व है।

पुजारियों का चयन सिर्फ योग्यता के आधार पर किया गया है। स्वामी रामानंद ने कहा था जाति पाति पूछे न कोई, हरि का भजे सो हरि का होई... प्राणप्रतिष्ठा के साथ ही समाज को भी एक नया संदेश देने के लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह पहल की है। - स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति

कठिन प्रशिक्षण...मोबाइल पर भी रोक

सभी पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान ये युवा गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे हैं। इनमें से न तो कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से कोई संपर्क कर सकता है।

हनुमानजी के वैदिक ध्यान मंत्र समेत 14 सवालों पर चयन

नवंबर में सभी 24 पुजारियों का चयन 14 सवालों की बाधा पार करने के बाद हुआ। तीन चरणों के साक्षात्कार के बाद 3240 अभ्यर्थियों में से 25 को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया। बाद में एक अभ्यर्थी आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने नाम वापस ले लिया। आचार्य शास्त्री के अनुसार, अंतिम दौर के तीन सवाल बेहद कठिन थे। हनुमानजी का वैदिक ध्यान मंत्र, सीता ध्यान मंत्र और भरतजी का ध्यान मंत्र। सामान्यतः लोगों को इसका ध्यान नहीं रहता।

पहले चरण में संध्या वंदन, नाम, गोत्र, शाखा, प्रवर, दूसरे चरण में आचार्य की डिग्री के अनुसार प्रश्न पूछे गए।

प्रमुख सवाल : रामजी की उपासना विधि, ध्यान मंत्र, सीताजी का ध्यान मंत्र, भरतजी का ध्यान मंत्र, रामजी का जन्म किस लग्न में हुआ, हनुमान जी का वैदिक ध्यान मंत्र ।

Sanjiv Kumar

Sanjiv Kumar

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