कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत है कैसे पहचानें - कनिष्क दुबे
चंद्रमा ग्रह
नवग्रह में सबसे तेज राशि परिवर्तन करने वाला ग्रह है चंद्रमा ढाई दिन में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं ,
किसी की भी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति देखकर ही उसकी राशि बताई जाती है जिस राशि में चंद्रमा होते हैं ,
जातक की वही राशि होती है चाहे वो महिला हो या पुरुष सभी के ऊपर यह बात लागू होती है।।
नवग्रहों में सूर्य के बाद , ज्योतिष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है- चन्द्रमा
ज्योतिष में चन्द्रमा के बिना कोई गणना नहीं की जा सकती । इसलिए चंद्रमा का ज्योतिष में एक प्रमुख स्थान है ।।
-
कुंडली मे चंद्रमा की स्थिति मजबूत है कैसे पहचाने
अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा उच्च के या अपने मित्र के या शुभ स्थान पर बैठे हैं तब चंद्रमा अपना अच्छा फल देते हैं अच्छे फल से तात्पर्य है चंद्रमा बुद्धि और मस्तिष्क के कारण है मां और इंद्रियों पर कंट्रोल करने की शक्ति चंद्रमा देते हैं , जातक अपने कार्य क्षेत्र पर सुनिश्चित रूप से कार्य कर पता है अपने कार्य के प्रति जागरूक रहता है , मजबूत चंद्रमा रिसर्च स्कॉलर, साइबर सिक्योरिटी खुफिया विभाग साइकोलॉजी और कई विभाग पर सफलता दिलाता है, सफेद चीजों से संबंधित चावल, चीनी, तरल पदार्थ इत्यादि चीजों के लिए बिजनेस में सफलता प्राप्त भी कर वाता है ,चंद्रमा कुंडली में अगर उच्च के तो जातक बचपन से ही बहुत बुद्धिमान होता है, और वह अपने निर्णय बाल अवस्था से सही मार्ग पर लेने के सक्षम होता है चंद्रमा मन का कारक है तो शुरुआत से बाल अवस्था से सही दिशा में मन सही चीजों पर फोकस करना, सही निर्णय लेने का वरदान जातक को ईश्वर द्वारा प्राप्त होता है ।।
कुंडली मे कमजोर चंद्रमा की पहचान
किसी जातक की कुंडली में कमजोर चंद्रमा पहले व्यक्ति के स्वभाव को कमजोर करता है. अगर चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर परेशान होने लगता है. जल्दी भावुक हो जाता है. गलत फैसले लेना कमजोर चंद्र की निशानी है. इस स्थिति में जातक सर्दी खांसी जुकाम से पीड़ित रहता है ब्लड प्रेशर की तकलीफ शुरू हो जाती है l
चंद्रमा मजबूत करने के उपाय
*चंद्रमा के बीज मंत्र का जाप करें।
*चंद्रमा का रत्न मोती है कुंडली में चंद्रमा की स्थिति देखकर मोती भी धारण कर सकते हैं ।
*चंद्रमा उच्च का हो तो चंद्र की चीजों का दान न देना।
*चंद्र नीच का हो तो चंद्र की चीजों का दान न ले
*शिव चालीसा का नियमित पाठ करें।
* बेईमानी और लालच ना करें, झूठ बोलने से परहेज करे
* 11 सोमवार नियमित रूप से 9 कन्याओं को खीर का प्रसाद दें
* सोमवार को सफेद कपड़े में चावल, मिश्री बांधकर बहते पानी में प्रवाहित करें
कनिष्क दुबे, ज्योतिषाचार्य