रामलला की प्राणप्रतिष्ठा में वही पुजारी जिनका जन्म अयोध्या में हुआ हो, आचार संहिता लागू।
रामलला की प्राणप्रतिष्ठा में वही पुजारी जिनका जन्म अयोध्या में हुआ हो, आचार संहिता लागू।
अगले साल यानी की 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। तो उससे पहले तैयारीयां भी पूरी होनी चाहिए। इससे पहले उनके पूजन के लिए आचार संहिता तैयार की जा रही है। उसी के आधार पर पुजारियों का चयन, ट्रेनिंग, ड्रेस कोड, रामलला के पूजन की विधि और नियमित सेवा की पूरी लिस्ट तैयार कि जाएगी। बाल रूप से उनकी सेवा किस तरह हो? इसको लेकर संतों की भावना का खास ध्यान रखा जा रहा है। आचार संहिता तैयार करने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट की मुहर लगनी बाकी है।
पुजारी को अच्छी से अच्छी ट्रेनिंग दी जाएगी। अन्य मंदिरों में तैनात होंगे पुजारी
अचार संहिता के मुताबिक रामलला के पुजारी वही होंगे, जिनका जन्म अयोध्या में हुआ हो। पुजारी को जरूरत पड़ने पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अभी तक रामलला की पूजा पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है।
अभी तक रामलला के पूजन के लिए एक मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी होते हैं। अब इनकी संख्या में भी परिवर्तन किया जा सकता है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले अन्य मंदिरों में भी पुजारियों की नियुक्ति होगी।
राजस्थान और कर्नाटक के पत्थरों से बन रही मूर्ति
अयोध्या में रामलला की अचल मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। यह मूर्ति कर्नाटक के दो पत्थर और राजस्थान के श्वेत संगमरमर के पत्थरों से बन रहीं हैं। इस पत्थर के चयन और रामलला की प्रतिमा के निर्माण में संतों की राय को खास महत्व दिया गया है। यह काम राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि की अगुवाई में हो रहा है।
तैयारियों को फाइनल टच दिया जा रहा
7 और 8 अक्टूबर को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक अयोध्या में होने जा रही है। इसमें, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी। राम मंदिर निर्माण की समीक्षा और समारोह के लिए आने वाले अतिथियों और संतों के आवास और भोजन के साथ कार्यक्रम स्थल खास बिंदु रहेंगे।
देशभर के 7 हजार रामभक्त और 50 विशेष भक्त,आएंगे
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य के मुताबिक "प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विश्व के अलग- अलग देशों से 50 विशेष राम भक्तों को निमंत्रण दिया जाएगा। इसके अलावा संतों और देश भर के राम भक्तों सहित 6 से 7 हजार लोगों को कार्यक्रम स्थल पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अभी कार्यक्रम स्थल को रामजन्मभूमि परिसर की जमीन समतल करने सहित अन्य तैयारियां की जा रही है। जमीन की उपलब्धता को लेकर अंतिम निर्णय किया जाना है।"
127 देश के संप्रदाय के संतों को आमंत्रण
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव अनुसार, "राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोर शोर से चल रही है। देश भर के 4000 साधु-संत शामिल होंगे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में। इसके लिए देश भर के 127 संप्रदाय से जुड़े संतो को आमंत्रण भेजा जा रहा है। आमंत्रण पहुंचाने के लिए देश के धर्माचार्य प्रमुखों को जिम्मेदारी दी गई है।"