ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है इसके साथ ही ज्योतिष में सूर्य को पिता प्रतिनिधित्व करने का कार्यभार मिला है सूर्य के कारण ही पिता से संतान का संबंध मधुर या खराब देखा गया है , सूर्य की स्थिति बताती है कि पिता पुत्र का संबंध कैसा रहेगा सूर्य एक ऊर्जा कारक ग्रह हैं, तो घर परिवार में ऊर्जा देना आसपास के वातावरण में ऊर्जा प्रदान करना सगे संबंधी से दोस्त यार से किस तरह का संबंध किस तरह का आपका व्यवहार उनके ऊपर असर दिखाएगा और उनके प्रति कैसा आपका प्रभाव पड़ेगा यह सारी बातें सूर्य तय करते हैं,
ज्योतिष में सूर्य सिंह राशि का अधिपति माना गया है सरल भाषा में कहें तो ज्योतिष में सिंह राशि का स्वामी सूर्य होते हैं ,
और सूर्य मेष राशि में उच्च के होते हैं और तुला राशि में नीच के होते है
सूर्य उच्च के हो या सूर्य नीच के दोनों के अलग-अलग तरह के प्रभाव कुंडली में देखने को मिलते हैं बलवान सूर्य सरकारी नौकरी सरकारी हर कार्य हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में कार्यरत रहता है वहीं दूसरी तरफ अगर देखा जाए तो नीच राशि में अगर सूर्य पाए गए आपकी कुंडली में सम्मान पाने में तकलीफ और अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है । मान सम्मान पद प्रति में भी कमजोर और नीच राशि के सूर्य दिक्कत है देते हैं । ज्योतिष के अनुसार अगर सूर्य किसी के लगन यानी की प्रथम भाव में बैठे हैं , तो उसका चेहरा बना गोल आंखों का रंग काफी चमकीला जोश भरा ऊर्जावान होता है सूर्य दाईं आंख का कारक भी माना गया है ।
सूर्य के कमजोर होने का प्रभाव
*ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक का सूर्य कमजोर होगा उसे अपने कार्य के स्थान में प्रतिष्ठा नहीं मिलेगी। चाहे वो व्यापार कर रहा या नौकरी ।
*सूर्य कमज़ोर होगा उनको सुसराल में बदनामी मिलेगी और तिरस्कार होता रहेगा। उन पर झूठे आरोप लगाये जाएंगे।
*अपने ही परिवार से कभी साथ नहीं मिलेगा।
*शरीर की त्वचा बेजान रूखी रहती है। हार्मोन्स बहुत ज़्यादा बिगड़ जाते हैं और नकारात्मकता घेरने लगती है ,जिस कारण थाइरोइड ,और डिप्रेशन ,सर दर्द और बॉडी बहुत लो प्रतीत व महसूस होती है ।
*जब सूर्य कमज़ोर होता है अगर राहु और केतु के साथ हो तब यह ग्रहण दोष बनाता है।
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
सूर्य भगवान को रोली मिश्री के डाल अर्क दें।।
कुंडली में अगर सूर्य की पोजीशन कमजोर है तो उसको मजबूत करने के लिए माणिक रत्न धारण करें।।
आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।।
सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें ।।
घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें मंदिर में लगे या अपने घर के किसी शुभ स्थान पर स्थापना करें ।।