महाकुंभ का आरंभ! पहले दिन सुबह 8 बजे तक 40 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, आज पहला अमृत स्नान
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का शुभारंभ आज सोमवार से पौष पूर्णिमा के पावन अवसर से शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम- गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। सुबह 8 बजे तक 40 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने महाकुंभ को बताया आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव का प्रतीक
महाकुंभ के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए यह एक विशेष अवसर है। महाकुंभ 2025 आस्था, भक्ति और संस्कृति का पवित्र संगम है, जो भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव का प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि शनिवार सुबह तक संगम में स्नान के लिए 33 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जबकि पिछले दो दिनों में 85 लाख से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। इस वर्ष महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बना देगा।
पर्यटकों के लिए हेलिकॉप्टर राइड
महाकुंभ के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हेलिकॉप्टर राइड की व्यवस्था की गई है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, इसका किराया 3,000 रुपये से घटाकर मात्र 1,296 रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। यह 7-8 मिनट की राइड आज से शुरू हो चुकी है।
महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व
मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई थीं। इन्हीं स्थानों पर हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। महाकुंभ में संगम पर स्नान को शाही स्नान के रूप में जाना जाता है।