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
बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव में जो परिणाम सामने आए हैं उससे लगता है कि यह 2000 रुपये वाला चुनाव बन गया है. राज्य में हर महिला को 2000 रुपये नगद दिए जाने के कांग्रेस के चुनावी वादे ने लगता है मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के वफादार मतदाताओं का रुख कांग्रेस की ओर मोड़ दिया है. जिसकी वजह से कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत हासिल होती दिख रही है.
वैसे तो महिला मतदाताओं की भागीदारी किसी भी चुनाव में अहम होती है, लेकिन अगर कर्नाटक चुनाव की बात की जाए तो यह भागीदारी और अहम हो गई है. वजह यहां की 224 सीटों में से 122 पर महिलाओं ने पुरुष मतदाताओं को पीछे छोड़ दिया. पारंपरिक तौर पर देखें तो चाहे लोकसभा चुनाव हो या राज्य विधनासभा का चुनाव, महिलाओं का भाजपा के पक्ष में मत डालने की कुछ स्वाभाविक वजह रही हैं. जिसमें कानून व्यवस्था का दुरुस्त होना, उज्जवला योजना, शौचालय योजना और कोविड के दौरान मुफ्त राशन इत्यादि.
हालांकि कर्नाटक में, ऐसा लगता है कि महंगाई ने महिलाओं को कांग्रेस के पक्ष में जाने के लिए मजबूर किया. जिसने महंगाई के दौर में प्रत्येक महिला को हर महीने 2000 रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया है. कर्नाटक में एक गैस सिलेंडर की कीमत 1100 रुपये तक पहुंच गई है और राज्य में कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने इस मंहगाई को मुद्दा बनाया. उन्होंने बेंगलुरु के पार्टी कार्यालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रतीकात्मक तौर पर एक गैस सिलेंडर रखा था.
भाजपा का सिलेंडर हुआ खाली
भाजपा को इस बात का अहसास था कि गैस सिलेंडर की कीमत परेशानी बन सकती है. इसलिए उन्होंने कर्नाटक में प्रत्येक गरीब परिवार को हर साल 3 सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने ट्विटर पर लिखा था, ‘रूस-युक्रेन युद्ध की वजह से एलपीजी सिलेंडर मंहगा हुआ है. हमने उज्जवला योजना दी है लेकिन दाम की वजह से उज्जवला ने अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं दिए, इसलिए हमने फैसला किया कि कर्नाटक की जनता को इस संकट से उबारने के लिए तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे, लेकिन यह योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए होगी.’
Trinath Mishra
Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.