" हमें ममता की दया की कोई जरूरत नहीं" पश्चिम बंगाल में 2 सीटें ऑफर किए जाने पर भड़के अधीर रंजन चौधरी
इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग पर सामंजस्य से पहले ही विवाद की खबरें निकलकर आने लगी हैं. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सीधे टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है. यहां तक कह दिया कि ममता बनर्जी अलायंस ही नहीं चाहती हैं. वो मोदी की सेवा में लगी हुई हैं.
दरअसल, बुधवार को सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पश्चिम बंगाल में अलायंस में सहयोगी कांग्रेस को सिर्फ दो लोकसभा पर चुनाव लड़ने की कोशिश की है. सूत्रों ने यह भी बताया था कि चूंकि 2019 के चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने राज्य में 43 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और 22 सीटें जीती थीं. ऐसे में टीएमसी चाहती है कि बंगाल में वो प्रमुख पार्टी है और उसे सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
गुरुवार को टीएमसी के इस फॉर्मूले पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, पता नहीं किसने ममता से भीख मांगी है. हमने तो कोई भीख नहीं मांगी. ममता खुद ही कह रही हैं कि वो गठबंधन चाहती हैं. हमें ममता की दया की कोई जरूरत नहीं है. हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं. अधीर रंजन ने आगे कहा, दरअसल ममता गठबंधन ही नहीं चाहती हैं. उन्होंने तंज कसा और कहा, ममता तो मोदी की सेवा में लगी हुई हैं
'पिछले चुनाव नतीजे के आधार पर सीट फॉर्मूला'
सूत्रों का कहना है कि सीट बंटवारे की संख्या एक स्पष्ट फॉर्मूले पर आधारित है, जिसमें संसदीय चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव का आकलन शामिल है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ दो सीटें मालदा दक्षिण और बरहामपुर जीत सकी थी. सबसे पुरानी पार्टी को सिर्फ 5.67 प्रतिशत वोट मिले, जो सीपीआई (एम) से भी कम है. सीपीआई (एम) को 6.33 प्रतिशत वोट मिले थे.
'खड़गे को विपक्ष का पीएम फेस बनाना चाहती हैं ममता'
इससे पहले 19 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया अलायंस की चौथी बैठक हुई थी. उसमें टीएमसी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया ब्लॉक को पीएम फेस बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था. AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया था. हालांकि, यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका. सूत्रों ने बताया कि टीएमसी का मानना है कि दलित समुदाय से आने वाले खड़गे बेहतर विकल्प हैं. वे 58 सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं.
हालांकि, बाद में खबरें आईं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ममता के प्रस्ताव से नाराज हैं. बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीतीश कुमार, ममता के प्रस्ताव से नाराज हैं. बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीतीश से फोन पर बात की थी. अब उद्धव ठाकरे और कांग्रेस ने नीतीश को संयोजक बनाए जाने की पहल शुरू कर दी है.