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राजनीति

UP Politics: अखिलेश यादव और मायावती के मिलने लगे सुर, इस मुद्दे पर अकेली बड़ी बीजेपी

UP Politics: अखिलेश यादव और मायावती के मिलने लगे सुर, इस मुद्दे पर अकेली बड़ी बीजेपी
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UP Politics: UP News: केंद्र सरकार द्वारा आईएएस और अन्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण बनाने संबंधी अध्यादेश जारी किये जाने के बाद विपक्षी दलों के सुर मिलने लगे हैं. पहले अखिलेश यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया और फिर मायावती ने भी उनका समर्थन किया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया,‘‘दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है. ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी.’’ उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीट पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है. यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है.’’

इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया आई. बीएसपी चीफ भी सपा प्रमुख के सुर में सुर मिलाती नजर आईं. उन्होंने कहा, "केंद्र व दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास, असहयोग व टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहा है जबकि दिल्ली को इनके बीच आपसी सहयोग से विकास, जनहित व जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए. दोनों के बीच अन्तहीन टकराव दुखद है."

क्या है मामला?

गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया. ये अध्यादेश आईएएस और दिल्ली, अंडमान निकोबार दीप समूह, लक्षद्वीप, दादर नगर हवेली और दमन दीव प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों पर लागू होगा.

यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के एक सप्ताह बाद उठाया गया है. केंद्र सरकार के इस कदम के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष से समर्थन मांगा था, जिसके बाद अखिलेश यादव और मायावती के सुर मिलते नजर आए.

वार्ता 24 संवाददाता

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