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राजनीति

राकांपा में कोई टूट नहीं', शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा- पार्टी पर दावा करने वाले गलत हैं

SaumyaV
25 Nov 2023 10:45 AM GMT
राकांपा में कोई टूट नहीं, शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा- पार्टी पर दावा करने वाले गलत हैं
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राकांपा में टूट जगजाहिर है लेकिन शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने पार्टी में कोई टूट नहीं होना का दावा किया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट ने फिर दलीलें रखीं। गुट ने कहा कि 30 जून से पहले जब राष्ट्रीय कार्यसमिति में शरद पवार को मुखिया माना गया था तो फिर पार्टी में टूट कहां से होगी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का एक धड़ा अजित पवार की अगुवाई में भले ही पार्टी से अलग होकर महाराष्ट्र की सरकार में शामिल हो गया है, लेकिन शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने कहा कि पार्टी में न तो कोई टूट है, न ही कोई गुट है। ऐसे में जो लोग इस तरह का दावा कर रहे हैं, वह गलत है। साथ ही यह भी कहा कि जब पार्टी में कोई टूट ही नहीं हुई है तो चुनाव आयोग इस मामले को सुन भी नही सकता है।

'पार्टी पर दावेदारी पूरी तरह से गलत'

राकांपा पर अधिकारों को लेकर शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच चुनाव आयोग के सामने चल रही सुनवाई में शुक्रवार को फिर शरद पवार गुट ने अपना पक्ष रखा। साथ ही कहा कि 30 जून से पहले हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में सभी ने शरद पवार को पार्टी का मुखिया माना है। इनमें अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल भी शामिल थे। ऐसे में पार्टी पर अधिकारों को लेकर जो दावेदारी की जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है। इस बीच पार्टी पर अधिकारों को लेकर जो दस्तावेज पेश किए गए है, वह भी फर्जी है।

तीन घंटे तक हुई सुनवाई

चुनाव आयोग के सामने करीब तीन घंटे तक हुई इस सुनवाई के दौरान शरद पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 नवंबर को फिर होगी। इस दिन भी शरद पवार गुट ही अपना पक्ष रखेगा।

29 नवंबर को अपना पक्ष रखेगा अजित पवार गुट

चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, 28 नवंबर को शरद पवार गुट की सुनवाई पूरी होने केबाद चुनाव आयोग 29 नवंबर को अजित पवार गुट को अपना पक्ष रखने का मौका देगा। माना जा रहा है कि दोनों ही पक्षों को सुनने के बाद आयोग जल्द ही इसे लेकर अपना फैसला भी दे सकता है।

इससे पहले, शरद पवार गुट ने आयोग के सामने अजीत पवार गुट की ओर से मुहैया कराने दस्तावेजों को फर्जी बताया था। साथ ही आयोग से उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की थी।

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