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'तब मेरी बात नहीं सुनी और सरेंडर कर दिया ...', बंगाल में सीट शेयरिंग के बवाल पर कांग्रेस पर भड़क उठे मिलिंद देवड़ा
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आईएनडीआईए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ। बंगाल में ममता बनर्जी के अकेले चुनाव लड़ने के एलान के बाद भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। मिलिंद देवड़ा ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले मैं महाराष्ट्र के अकेले कांग्रेस नेता के रूप में खड़ा था जो पार्टी के हितों को उपेक्षित होने से बचाने के लिए लड़ रहा था।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आईएनडीआए (I.N.D.I.A.) में सीट शेयरिंग को लेकर बवाल मचा हुआ है। बुधवार को टीएमसी सुप्रीमो ने एलान कर दिया कि भले ही टीएमसी आईएनडीआईए में घटक दल है, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी।
सीएम ममता के इस बयान से कांग्रेस में खलबली मच गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने टीएमसी के बिना आईएनडीआईए गठबंधन की कल्पना नहीं है।
मिलिंद देवड़ा ने राकांपा गठबंधन पर उठाए सवाल
इसी बीच मिलिंद देवड़ा ने इस आईएनडीआईए में चल रहे सीट शेयरिंग पर घमासान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस का दामन छोड़ शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया।
उन्होंने लिखा, "कुछ हफ्ते पहले मैं महाराष्ट्र के अकेले कांग्रेस नेता के रूप में खड़ा था, जो पार्टी के हितों को उपेक्षित होने से बचाने के लिए लड़ रहा था। मेरी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया और कांग्रेस ने सांसदों, विधायकों, उम्मीदवारों या विचारधारा की कमी वाली पार्टी के सामने आत्मसमर्पण (सरेंडर) कर दिया।"
इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में लिखा, "Yesterday, the chickens came home to roost in West Bengal" इस लाइन का हिंदी मतलब ये है कि बंगाल में पुरानी गलतियां का परिणाम कल सामने आ गया।" कयास लगाया जा रहा है कि मिलिंद देवड़ा ने यह बात राकांपा गठबंधन के लिए किया है। खासकर शिवसेना (उद्धव गुट) के लिए कहा है।
मिलिंद देवड़ा ने कुछ दिनों पहले कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। उन्होंने कहा कि वो विकास के रास्ते पर चलते हुए महाराष्ट्र की जनता की सेवा करना चाहते हैं। वहीं, वो नकारात्मक राजनीति को नहीं अपना सकते।
उन्होंने आगे कहा था,"कांग्रेस की राजनीति घुटन भरी और जहरीली लग रही है।' शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता ने कहा कि वही पार्टी है जिसने 30 साल पहले आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी, वह अब एक ऐसी पार्टी बन गई है जो उद्योगपतियों, व्यापारियों को गाली दे रही है और व्यापारियों को 'देश-विरोधी' कह रही है।"