"नौकरी के बदले जमीन घोटाला" मामले में सुनवाई सात अगस्त तक टली .
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पे चल रहे 'नौकरी केे बदले जमीन' के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई , दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई के लिए अगली सुनवाई जो सात अगस्त को होने वाली है , तब तक के लिए इसे टाल दिया गया है।
आपको बता दे इस मामले में लालू यादव समेत बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। सीबीआइ ने इन लोगो के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं।
सीबीआई की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की कोर्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके साथियो पर आरोप तय करने को लेकर बहस हुई। पर लालू यादव के वकील ने सारे इल्जामो को नकार दिया , उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए जांच एजेंसी के पास सुबूत नहीं है, और बिना सुबूत के किसी को आरोपित कैसे घोषित किया जा सकता है। वही इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि हमारे पास गवाह और सुबूत दोनों हैं, ऐसे में आरोपित के दावे का कोई आधार नहीं है। जिसके बाद अदालत ने सुनवाई को आठ अगस्त तक के लिए टाल दी है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला ?
ये घोटाला 14 साल पुराना है , ये उस वक़्त की बात है जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे , सीबीआई के मुताबिक विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी किये बिना , रेलवे में सब्सटीट्यूट की भर्ती की गई और जब जमीन का सौदा हो गया तो इन्हें रेगुलर कर दिया गया. जाँच में ऐसा पाया गया की जिन - जिन लोगो ने लालू यादव को अपनी जमीन दी , उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त कर दिया गया था. सौदे वाली जमीनें लालू यादव ने अपने परिजनों के नाम कराईं। CBI ने इस मामले में 18 मई 2022 को केस दर्ज किया था। इसी के साथ 7 मई को लालू यादव से 5 घंटे तक इस मामले में पूछताछ भी की गई थी।