चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसले को पढ़ते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ताओं के उन तर्कों को भी खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छिनने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का विरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर अपना निर्णय दिया। पांच सदस्यीय संविधान पीठ की तरफ से इस मामले में तीन अलग-अलग निर्णय लिए गए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसले को पढ़ते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ताओं के उन तर्कों को भी खारिज कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छिनने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का विरोध किया गया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में जम्मू-कश्मीर के आगे का रोडमैप भी बताया।
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल होना चाहिए। यहां चुनाव के लिए भी जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। उन्होंने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 से पहले विधानसभा चुनाव सुनिश्चित किए जाएं।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए पहले ही बोल चुका है चुनाव आयोग
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने अक्तूबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में चुनाव का एलान करते हुए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कराने को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इसका फैसला सुरक्षा की स्थितियों और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर सही समय पर लिया जाएगा। सीईसी ने कहा, जब भी आयोग को समय सही लगेगा वहां चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि, आयोग की ओर से तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा था कि अगले साल की शुरुआत में लोकसभा के चुनाव होने की पूरी संभावना है। ऐसे में साफ है कि जम्मू कश्मीर के लोगों को विधानसभा के चुनावों के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
जम्मू-कश्मीर राज्य के पांच अगस्त 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने और वहां से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से चुनाव नहीं हुए हैं। प्रदेश में आखिय बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। यह सरकार जून 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद गिर गई थी और वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया था।