पीएम मोदी का विपक्षी गठबंधन के खिलाफ नया दांव।
राजनीति का एक बहुत पुराना सिद्दांत रहा है, विरोधियों का मुकाबला सीधा हो, दांव- पेंच लगानी हो लगाओ लेकिन राजनिति बिना विरोध की नहीं हो सकती । ये राजनितिक दलो का अच्छा हथियार माना जाता है, जैसा की वर्तमान में राजनिति हो रही है। 2024 का सियासी जंग मध्यप्रदेश के ज़मीन से शुरु हो चुकी है, एक बार फिर प्रधानमंत्री ने विपक्षी इंडिया गठबंधन को आड़े लेते हुए जमकर निशाना साधा। तो वहीं विपक्षी भी अपनी पहली साक्षा रैली के लिए भोपाल को चुना है। बीते दिन मध्य प्रदेश के बीना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहुंचते ही विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लेते हुए यहा तक कह दिया की एक 'ऐसे दल भी हैं जो देश को, समाज को विभाजित करने में जुटे हैं. इन्होंने मिलकर एक INDI ALLIANCE (गठबंधन) बनाया है, इसको कुछ लोग घमंडिया गठबंधन भी कहते हैं.' इनका नेता तो तय नहीं है, नेतृत्व पर भ्रम है.लेकिन इन्होंने अपनी मुंबई मीटिंग में ये घमंडिया गठबंधन कैसे काम करेगा इसकी नीति और रणनीति बना दी है। इन्होंने अपने एक Hidden agenda भी तय कर लिया है. जब से तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे उधयनीधि के सनातन धर्म पर दिए विवादित ब्यान दिए तब से विपक्षी गठबंधन भाजपा के निशाने पर है।'मोदी ने कहा इस I.N.D.I Alliance का निर्णय है कि भारतीयों की आस्था पर हमला करो. इस घमंडिया गठबंधन की नीयत है कि भारत को जिन विचारों और संस्कारों ने हजारों वर्ष से जोड़ा है, उसे तबाह कर दो. ये घमंडिया गठबंधन वाले सनातन संस्कारों और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं. प्रधानमंत्री अपने भाषणो में बार-बार घमंडिया गठबंधन का ज्रिक करते रहे। फिर कहा जिस सनातन को गांधी जी ने जीवनपर्यंत माना, जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया.ये घमंडिया गठबंधन के लोग उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं.'सनातन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इस INDI ALLIANCE (गठबंधन) के लोग उस 'सनातन धर्म' को मिटाना चाहते हैं जिसने स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक को प्रेरणा दी.. आज उन्होंने सनातन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, कल वे हम पर हमले बढ़ा देंगे. देश भर के सभी 'सनातनियों' और हमारे देश से प्यार करने वाले लोगों को सतर्क रहना होगा. हमें ऐसे लोगों को रोकना होगा. राजनिति मे वार- पलटवार तो होते ही रहते है, अब देखना होगा की क्या तमाम विपक्षी पार्टीया जिन मकसद से एकजुट हुए है, उसे कायम कर एकसाथ आगे बढ़ते है, या कभी धर्म तो कभी लोगों की आस्था , समाज को ठेस पहुचाने वाले ब्यान से अपने आप को घेरे रखेगे। या चुनावी रणनीति पर भी ध्यान देगे।