Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

भोपाल में होने वाली विपक्ष की पहली रैली रद्द

Sharda Singh
18 Sep 2023 12:22 PM GMT
भोपाल में होने वाली विपक्ष की पहली रैली रद्द
x

भोपाल में होने वाली विपक्ष की पहली रैली रद्द

कहते है सनातन एक धर्म नहीं परम्परा है लेकिन ये कैसी परम्परा है, जिसे देश का एक धरा नेता मानते ही नहीं है आख़िर राजनीती जनता के मुलभुत मुद्दों से हटकर धर्म पर लड़ी जाएगी। आख़िर ये कौन तय करें की राजनीती कोई धर्म संस्कृति परम्परावाओं पे नहीं लड़ी जा सकती है। बाकायदा राजनीती जनता का जनता के दौरा और सिर्फ जनता लिए होनी चाहिए। आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसे इस ख़बर से समझे एक तरफ जहां 2024 में तमाम विपक्षी पार्टीआ एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ एक बैनर के तले आकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाने में जुटा हुआ है, लेकिनचुनाव से पहले इस फैसले के हौसले बार-बार पस्त दिख रहे हैं. प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भोपाल में होने वाली विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की पहली साझा रैली रद्द किए जाने का ऐलान कर दिया है. इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस I.N.D.I.A. की 13 सितंबर को पहली कोऑर्डिनेशन मीटिंग में ये बात कहीं गई थी कि गठबंधन की पहली साझा रैली भोपाल में होगी।लेकिन इस रैली के ऐलान को एक हफ्ता भी नहीं हुआ था कि इसे रद्द करने की घोषणा हो गई.इसका ऐलान खुद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने किया. खास बात ये है कि कमलनाथ की ओर से रैली कैंसिल होने की जानकारी दी गई,बताया जा रहा है की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिककार्जुन खड़गे और अन्य सहयोगी इस पर चर्चा कर रहे हैं.

सनातन मुद्दे को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी हमलावर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक, बीजेपी के बड़े -बड़े नेता लगातार कांग्रेस, गांधी परिवार और कमलनाथ पर हमला बोल रहे हैं. सीएम शिवराज ने तो यहाँ तक कह दिया की साझा रैली रद्द करने के पीछे सनातन धर्म को लेकर डीएमके नेताओं के विवादित बयान के कारण ये कदम उठाना पड़ा. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या कमलनाथ सनातन विवाद से डर गए?

राजनीतिक विश्लेषक की माने तो विपक्षी गठबंधन की साझा रैली रद्द करने के निर्णय के पीछे कई कारण हो सकते हैं. सनातन विवाद भी उनमें से एक है लेकिन ये नहीं कहा जा सकता कि केवल यही कारण है. मध्यप्रदेश में जब एक कार्यक्रम के दौरान कमलनाथ ने सनातन को लेकर उदयनिधि के बयान से जुड़े सवाल पर कहा था कि ये सब जानते हैं कि ,अपना देश सनातन धर्म का है. सनातन धर्म सबको बांध कर रखता है डीएमके वाला कुछ भी कहता रहे, इस पर हमें राय देने की कोई आवश्यकता नहीं है. सनातन क्या है, ये मैं पहले ही बता चुका हूं.आगे कमलनाथ ने कहा 85 फीसदी आबादी हिंदू है तो देश ऐसे ही हिंदू राष्ट्र है.

रैली रद्द होने की क्या वजह हो सकती है

भोपाल में विपक्षी गठबंधन की साझा रैली रद्द होने के पीछे कई कारण हो सकते है संसाधनों से लेकर चुनाव प्रचार बाधित होने के खतरे तक, कई और फैक्टर भी अहम कारक बताए जा रहे हैं.मध्यप्रदेश चुनावी राज्य है ऐसे में रैली की सफलता कांग्रेस की प्रतिष्ठा से जुड़ जाती और ऐसे में कमलनाथ के लिए खुद कमान संभालना जरूरी हो जाता.

सनानत विवाद का कितना असर?

असल में स्टालिन की पार्टी डीएमके भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. उदयनिधि स्टालिन के द्वारा जब सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताया गया तो सीधे कांग्रेस पर बात आ गई कि क्या कांग्रेस भी इसी मानसिकता से सनातन को देखती है. इस एक सवाल ने सारा माहौल बीजेपी के पक्ष में बनाना शुरू कर दिया लिहाजा कांग्रेस के लिए फिर वही स्थिति बन गई कि वह गठबंधन के बजाय पहले खुद की स्थिति सुधारे. कमलनाथ कई बार खुद को सनातनी और हनुमान भक्त बता चुके हैं. कई धार्मिक आयोजन भी करा चुके हैं,

Next Story