बिहार में महागठबंधन की सरकार में पिछले कुछ दिनों से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। इस दौरान रविवार यानि 28 जनवरी का दिन बिहार की राजनीतिक परिदृश्य से काफी अहम माना जा रहा था। ऐसे में सुबह जैसे ही सियासी कोहरा छंटा और नीतीश कुमार ने वैसे ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद ही बिहार की राजनीति में सबकुछ साफ हो गया।
बिहार में महागठबंधन की सरकार में पिछले कुछ दिनों से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। इस दौरान रविवार यानि 28 जनवरी का दिन बिहार की राजनीतिक परिदृश्य से काफी अहम माना जा रहा था। ऐसे में सुबह जैसे ही सियासी कोहरा छंटा और नीतीश कुमार ने वैसे ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इसके बाद ही बिहार की राजनीति में सबकुछ साफ हो गया। बिहार में सियासी रस्साकशी के बीच रविवार को नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है।
अब ऐसे में नीतीश कुमार एक बार फिर से अपने पुराने गठबंधन एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्हें एनडीएविधानमंडल का नेता चुन लिया गया है। वहीं, इस नई सरकार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को अब बिहार का डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।
1990 में सम्राट चौधरी का राजनीतिक जीवन में प्रवेश
बिहार विधान परिषद की वेबसाइट के मुताबिक, सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवंबर 1968 को बिहार के मुंगेर स्थित लखनपुर में हुआ था। उनके पिता शकुनी चौधरी पूर्व मंत्री और पूर्व सासंद रहे। सम्राट चौधरी ने साल 1990 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
1999 में पहली बार राबड़ी देवी की सरकार में कृषि मंत्री बने। इसके बाद शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 2014 में नगर विकास विभाग के मंत्री रहे। हालांकि, साल 2018 में सम्राट चौधरी राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान उन्हें एनडीए की सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया। वर्तमान में वह बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
सम्राट चौधरी का निजी जीवन
16 नवम्बर, 1968 को जन्मे सम्राट चौधरी की पत्नी का नाम ममता कुमारी है। इस जोड़े ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। सम्राट चौधरी को क्रिकेट खेलना पसंद है।