लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर कांग्रेस भले ही जीत की हुंकार भर रही हो लेकिन संगठनात्मक तौर पर अभी भी उसकी कमजोरियां उसके लिए चुनौती बनती नजर आ रही हैं। बूथ स्तर पर तैयारी के प्रश्न पर एक पदाधिकारी ने बताया कि अभी 11 जिलाध्यक्ष और पांच शहर अध्यक्षों के पद ही खाली हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर कांग्रेस भले ही जीत की हुंकार भर रही हो, लेकिन संगठनात्मक तौर पर अभी भी उसकी कमजोरियां उसके लिए चुनौती बनती नजर आ रही हैं। हाल ही में चुनाव लड़ने के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और कर्नाटक में उसका जमीनी ढांचा तुलनात्मक रूप से मजबूत हो सकता है, लेकिन अपनी आन से जुड़े उत्तर प्रदेश में फिलहाल उसकी जमीन कमजोर ही दिखाई दे रही है।
सपा-RLD के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस
भाजपा और प्रमुख विपक्षी सपा जहां कमर कसकर मैदान में लड़ने के लिए तैयार हैं, वहीं बूथ स्तर पर कांग्रेस की सक्रियता पर अब भी प्रश्न है। कुछ माह बाद ही होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश 80 संसदीय सीटें होने की वजह से बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार कांग्रेस यहां समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सपा उसे कमजोर बताकर कम से कम सीटें देना चाहती है, वहीं कांग्रेस 20-25 सीटें चाहती है।
जोनल बैठकें कर रहे अविनाश पांडेय
प्रमुख राष्ट्रीय दल होने के नाते भले ही कांग्रेस लड़ने के लिए पर्याप्त सीटें पा जाए, लेकिन उसकी चुनौती तैयारी अभी उस तरह जमीन पर नहीं उतरी है। नए बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एक यात्रा निकाल चुके हैं। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय जोनल बैठकें भी कर रहे हैं।
बूथ स्तर पर तैयारी के प्रश्न पर एक पदाधिकारी ने बताया कि अभी 11 जिलाध्यक्ष और पांच शहर अध्यक्षों के पद ही खाली हैं। हाल ही में समीक्षा में यह बात सामने आने पर कहा गया है कि तीन दिन के भीतर इन पदों को भर लिया जाए। इसके अलावा बूथ समितियों के गठन की कोई समीक्षा नहीं हुई, कोई कार्यक्रम बूथ स्तर का नहीं हो सका है। फिलहाल प्रयास यह है कि न्याय पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर राहुल गांधी की प्रस्तावित यात्रा में भीड़ कैसे जुटाई जाए। विपक्षियों में सपा की तैयारी अवश्य तेज हुई है।
नए मतदाता जोड़ने का लक्ष्य
एक विधायक ने बताया कि हाल ही में हुई बैठक में विधायकों और पूर्व विधायकों को नए मतदाता जोड़ने का लक्ष्य दे दिया गया। यही प्रदर्शन 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट का आधार हो सकता है। साथ ही सभी बूथ समितियां पार्टी मुख्यालय में जमा करा दी गई हैं। उनका सत्यापन चल रहा है। इसके इतर भाजपा की चुनावी तैयारी रफ्तार में है। लगातार बूथ स्तर के कार्यक्रम चल रहे हैं। पन्ना प्रमुख तय हैं और विकसित भारत संकल्प यात्रा में क्षेत्रवासियों को एकजुट करने का दायित्व मंडल और बूथ के कार्यकर्ताओं पर है, जिससे वह सतत सक्रिय हैं। एक करोड़ नवमतदाता जोड़ने का अभियान चल रहा है।