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राजनीति

'आचार समिति मामले की जांच की तह तक नहीं गई', लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर महुआ |

SaumyaV
8 Dec 2023 4:03 PM IST
आचार समिति मामले की जांच की तह तक नहीं गई, लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर महुआ |
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संसद के शीतकालीन सत्र का आज पांचवा दिन है। आज कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा पर चर्चा हो सकती है। वहीं, दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण का मामला भी आज सदन में उठ सकता है।

महुआ मोइत्रा ने कहा, 'किसी तरह की रकम या तोहफा लेने का कोई सबूत नहीं है। आचार समिति इस मामले की जांच की तह तक नहीं गई। मोदी सरकार को लगता है कि मुझे चुप कराकर वह अदाणी के मुद्दे से ध्यान भटका देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा।'

लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित।

महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया। 54 दिन बाद उनकी सांसदी चली गई। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि महुआ का आचरण अनैतिक है।

प्रह्लाद जोशी ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया।

भाजपा सांसद अपराजिता सांरगी ने कहा, 'हम सिद्धांतों की बात कर रहे हैं। सभी को बोलने का समय दिया। तब ये वॉक आउट कर गईं। असंवैधानिक शब्दों का इस्तेमाल किया।

इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति की सिफारिशों पर महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने से रोका।

एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लेकर जैसे ही लोकसभा में चर्चा हुई तो टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने अनुरोध किया कि महुआ मोइत्रा को सदन के समक्ष अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, 'मैं प्रस्ताव रखता हूं, मेरी पार्टी की प्रवक्ता खुद महुआ मोइत्रा होंगी क्योंकि आरोप उनके खिलाफ है। अनर्गल आरोप लगाए गए हैं, चाहे यह सच हो या गलत, इन्हें उन्हें बोलने दीजिए।'

भाजपा सांसद हिना गावीत ने कहा कि इस मामले के सामने आने की वजह हमारे सांसदों की छवि खराब हुई है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी कहते हैं, 'जैसा कि अधीर रंजन ने कहा अगर हमें इस रिपोर्ट का संज्ञान लेने और फिर सदन के समक्ष अपनी राय रखने के लिए 3-4 दिन का समय दिया गया होता तो आसमान नहीं टूट पड़ता क्योंकि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामले पर निर्णय लेने जा रहा है। क्या आचार समिति की प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय के मौलिक सिद्धांत को दरकिनार कर सकती है, जो दुनिया की हर न्याय प्रणाली का संगठनात्मक सिद्धांत है? अखबार में हमने जो पढ़ा, उसके अनुसार जिसे आरोपी बनाया गया है, वह अपना बयान पूरा नहीं दे पाई। यह किस तरह की प्रक्रिया है?'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'हम शुद्ध अंत:करण, ईमानदारी से इन दायित्व को पूरा करें ताकि हमारी व्यवहार से किसी को किसी प्रकार का कष्ट न हो, हमारे कार्य से किसी को संदेह न हो, हमारा आचरण ऐसा न हो जिससे सदन की उच्च मर्यादा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचे। हम सभी का यह सामूहिक और सर्वोच्च दायित्व है। मैं समझता हूं कि हम सब यहां पर जिस बात पर विचार करने जा रहे हैं, वह हम सभी के लिए है। हम सहानुभूति, संवेदना के साथ उस पर विचार कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहती है कि किसी को भी सदन से निलंबित न करूं या कार्रवाई न करूं। सभी को पर्याप्त और अवसर मिले, यह कोशिश रही। कुछ कठोर निर्णय भी करने पड़े तो सदन की मर्यादा के लिए करने पड़े। ऐसी परिस्थिति में हम सभी को इस सदन के गौरव, सम्मान, नैतिकता और अस्मिता को अक्षुण्ण रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।'

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आगे कहा कि जनता के बीच विश्वसनीयता बढ़ी है। जनता ने इसलिए चुनकर भेजा है ताकि हम उनके कल्याण, आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा कर सकें। लेकिन लोकतंत्र की इस गौरवशाली यात्रा में समय-समय पर ऐसे अवसर भी आए हैं, जब हमने सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा और उच्च मापदंडों को बनाए रखने के लिए निर्णय भी किए हैं। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब सदस्यों को उचित निर्णय लेने पड़ते हैं। सदन उच्च मर्यादाओं से चलता है। यह सर्वोच्च पीठ है। 75 वर्ष की हमारी यात्रा में हमारे सदन और लोकतंत्र की उच्च मर्यादा रही है। पूरा देश उच्च परंपराओं के लिए हमारी ओर देखता है। इसी वजह से हमारे लोकतंत्र की पूरे विश्व में पहचान है। पिछले 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा में हमारा लोकतंत्र निरंतर सशक्त हुआ है।


आचार समिति की सिफारिश को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया: सुदीप बंदोपाध्याय

लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिश को शुक्रवार को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया और दावा किया कि इसका उद्देश्य उन्हें अदाणी समूह के खिलाफ मुद्दे उठाने से रोकना है। बंदोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ अकेले में बैठक की, जिन्होंने उन्हें सूचित किया कि रिपोर्ट को एक प्रस्ताव के साथ पेश किया जाएगा।

कम से कम 48 घंटे का समय देने का आग्रह: कल्याण बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उनसे पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट पढ़ने के लिए कम से कम 48 घंटे का समय देने का आग्रह किया है।


लोकसभा अध्यक्ष ने बालकनाथ, रेणुका सिंह का इस्तीफा स्वीकार किया

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ और रेणुका सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राजस्थान के अलवर से सांसद रहे बालकनाथ ने राज्य के तिजारा से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वहीं, छत्तीसगढ़ के सरगुजा से सांसद रहे सिंह ने भरतपुर-सोनहत निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था।

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