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राजनीति

एनडीए की एकता को धार, पिछड़ों के सहारे होगी 2024 की नैया पार, अपना दल के मंच से दिया एकता का संदेश

Trinath Mishra
3 July 2023 6:42 AM GMT
एनडीए की एकता को धार, पिछड़ों के सहारे होगी 2024 की नैया पार, अपना दल के मंच से दिया एकता का संदेश
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लखनऊ।अपना दल (एस) के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल के जयंती समारोह के मंच से भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी एकता को धार दी।

पिछड़े वर्ग के वोटों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में चल रही रस्साकसी के बीच गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते नौ वर्ष में पिछड़े वर्ग के लिए लागू योजनाएं गिनाईं और संदेश दिया कि 2024 की नैया पिछड़े वर्ग के सहारे ही पार होगी।

लोकसभा चुनाव 2014 से लेकर विधानसभा चुनाव 2022 तक प्रदेश में एनडीए की जीत में पिछड़े वर्ग के वोटों की बड़ी भूमिका रही है। अब सभी दल मान चुके हैं कि यूपी में आगे रहने के लिए पिछड़ों का सहारा जरूरी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जहां पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) की एकता का नारा दिया है।

वहीं, मंच से अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने एनडीए की एकता की मिसाल देते हुए कहा कि यूपी में भाजपा और अपना दल (एस) का गठजोड़ सबसे लंबे समय तक चलेगा। सामाजिक न्याय विपक्षी दलों के लिए प्रतिबद्धता का विषय नहीं हैं।

आरपीआई के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि एनडीए भाजपा के नेतृत्व में मजबूत है। विरोधी दल के अखिलेश बोल रहे हैं, यह लड़ाई पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग 80 फीसदी से ज्यादा एनडीए के साथ है। दलित समाज भी बड़ी संख्या में एनडीए के साथ है।

बसपा की यूपी में हालत खराब होती जा रही है। सीएम योगी ने भी एनडीए शासन में पिछड़े वर्ग के लिए लागू योजनाओं को ही सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय बताया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नौ साल में विशेष तौर पर पिछड़ा समाज के लिए काम किया है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सर्वाधिक पिछड़े मंत्रियों और एनडीए में सबसे अधिक पिछड़े वर्ग के सांसदों का होना बड़ी उपलब्धि है। ओबीसी आयोग को सांविधानिक दर्जा, नीट में पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिलाने जैसी उपलब्धियां भी गिनाईं।

अगड़े, पिछड़े व दलित वर्ग के चेहरों से सजा मंच

मंच पर सभी प्रमुख अगड़ी, पिछड़ी और दलित जातियों के नेता दिखे। अनुप्रिया पटेल के साथ कुर्मी समाज से जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और राकेश सचान मंच पर थे। मौर्य, शाक्य, सैनी समाज से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जाट समाज से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लोधी समाज से बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी मंच पर थे।

दलित वर्ग से आरपीआई के अध्यक्ष रामदास आठवले, प्रदेश की महिला बाल कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य, सांसद पकौड़ीलाल कोल भी मंच पर थे। अगड़ी जातियों से उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी भी अग्रिम पंक्ति में नजर आए। मंच पर मौजूद प्रमुख पिछड़ी जातियों के बड़े नेताओं के जरिये भी पिछड़े वर्ग के एनडीए के साथ होने का संदेश देने की कोशिश की गई।

कुर्मी समाज को साधा

सोनेलाल जयंती के बहाने कुर्मी समाज को साधने की कोशिश भी हुई। अपना दल की राजनीति कुर्मी समाज पर टिकी है वहीं भाजपा के लिए भी कुर्मी समाज के वोट बैंक का बड़ा महत्व है। प्रदेश की पिछड़ी जातियों में यादव समाज के बाद कुर्मी समाज सबसे बड़ा वोट बैंक है। कुर्मी वोट बैंक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनडीए के 66 सांसदों में से सात कुर्मी हैं। भाजपा में बरेली के सांसद संतोष गगंवार, सीतापुर के सांसद राजेश वर्मा, धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा, फुलपूर की सांसद केसरीदेवी पटेल, बांदा के सांसद आरके पटेल, महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी हैं।

Trinath Mishra

Trinath Mishra

Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.

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