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एनसीआर

मासिक धर्म अवकाश पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश, कहा- राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ सलाह करके एक आदर्श नीति तैयार करें

Neelu Keshari
8 July 2024 10:16 AM GMT
मासिक धर्म अवकाश पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश, कहा- राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ सलाह करके एक आदर्श नीति तैयार करें
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नई दिल्ली। कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान अवकाश देने को लेकर काफी समय से बहस छिड़ी हुई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया है कि वह राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ सलाह करके मासिक धर्म अवकाश पर एक आदर्श नीति तैयार करें।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा नीति से जुड़ा है। यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर अदालतों को गौर करना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि अगर महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टी दिए जाने का फैसला अदालत करती है तो इसका असर गलत भी पड़ सकता है क्योंकि कंपनी उन्हें काम देने से बच सकती है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अवकाश अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यबल से दूर किया जा सकेगा। हम ऐसा नहीं चाहते हैं।

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