G20 में बाहुबली की माहिष्मती जैसी सुरक्षा: हर 100 मीटर पर पांच स्तरीय घेरा. पैरा कमांडो, 360° रक्षा का चक्रव्यूह
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने 18वें 'जी20' शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों की अचूक सुरक्षा की रिहर्सल पूरी कर ली है। 'मल्टीलेयर सिक्योरिटी सिस्टम' में जिन स्थानों पर बदलाव की जरुरत महसूस की गई, उसमें सुधार कर लिया गया है। जी20 सम्मेलन के लिए जो सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है, वह बिल्कुल हिंदी मूवी 'बाहुबली' की 'महिष्मती' जैसा है। पांच स्तरीय सुरक्षा घेरे में हर 100 मीटर पर कमांडो तैनात रहेंगे। एयरपोर्ट से लेकर होटल, प्रगति मैदान स्थिल आयोजन स्थल, राजघाट एवं दूसरी ऐसे स्थान, जहां पर विदेशी मेहमान जा सकते हैं, उन सभी जगहों पर 360° डिफेंस का चक्रव्यूह तैयार किया गया है। जहां से भी विदेशी मेहमानों का काफिला निकलेगा, वहां दिल्ली पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात होंगे।
एयरपोर्ट से होटल तक विशेष ग्रीन कॉरिडोर
सूत्रों के मुताबिक, एयरपोर्ट से ही विदेशी मेहमानों को पांच स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। एयरपोर्ट से होटल तक विशेष ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है। उस कॉरिडोर पर मेहमानों के अलावा दूसरे किसी भी व्यक्ति का वाहन नहीं चलेगा। होटल से आयोजन स्थल तक के रूट और दूसरी जगहों के लिए एनएसजी कमांडो, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के दस्ते तैनात किए गए हैं। कुछ जगहों पर सेना के जवान भी तैयारी की मुद्रा में रहेंगे। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जवानों को उन रूटों पर तैनात किया गया है, जहां से जी20 में आने वाले राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों का काफिला गुजरेगा। सूत्रों ने बताया, पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा ऐसा रहेगा कि वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। किसी भी तरह के ड्रोन हमले को नाकाम बनाने के लिए विशेष शूटर तैनात किए गए हैं।
'बैलिस्टिक' शील्ड वाले 'सेफ' हाउस
सुरक्षा जानकारों के मुताबिक, सभी राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों की सिक्योरिटी के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। सभी मेहमानों के लिए बुलेटप्रूफ गाड़ियां रहेंगी। विभिन्न देशों के 32 काफिले (कारकेड) चलेंगे। कई देश अपने साथ गाड़ियां भी ला रहे हैं। इनमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, टर्की, यूएई और यूरोपियन संघ शामिल हैं। प्रगति मैदान में आयोजन स्थल के साथ ही एक हेलीपैड बनाया गया है। आपात स्थिति में एनएसजी के ऑपरेशन के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। एनएसजी को एक जगह से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए चौपर की व्यवस्था रहेगी। 360 डिग्री डिफेंस प्रदान करने के लिए उन सभी जगहों पर 'बैलिस्टिक' शील्ड वाले सेफ हाउस बनाए गए हैं, जहां विदेशी मेहमान पहुंचेंगे। इसका मकसद है कि आपात स्थिति में विदेशी मेहमानों को कुछ समय के लिए 'बैलिस्टिक' शील्ड वाले सेफ हाउस में ठहराया जा सके। उस पर गोलियां का कोई असर नहीं होता।
इन होटलों में ठहरेंगे विदेशी मेहमान
दिल्ली के 23 तो एनसीआर के 9 होटलों में विदेशी मेहमानों को ठहराया जाएगा। जिन जगहों पर विदेशी मेहमान ठहरेंगे, उनमें जाकिर हुसैन मार्ग स्थित दा ओबराय, इंपीरियल कनॉट प्लेस, सरदार पटेल मार्ग स्थित आईटीसी मोर्या, मान सिंह रोड़ स्थित ताज महल, दा लीला पैलेस चाणक्यपुरी, ताज पैलेस एसपीएम मार्ग, अशोक होटल चाणक्यपुरी, ललित बाराखंबा रोड, शांगरीला कनॉट प्लेस, हयात रीजेंसी बीकाजी कामा प्लेस, ली मेरिडन कनॉट प्लेस, दा लोधी सीजीओ काम्पलेक्स, विवांता ताज द्वारका, शेरेटन साकेत, दा सूर्या न्यू फ्रेंड्स कालोनी, पुलमैन एयरोसिटी, अंदाज एयरोसिटी, रोजेट एयरोसिटी, जेडब्लू मेरियट एयरोसिटी, इरोस नेहरु प्लेस, रेडिशन ब्लू प्लाजा महिपालपुर, क्लेरिज 30 जनवरी मार्ग, लीला एंबिएन्स गुरुग्राम, ट्राइडेंट गुरुग्राम, दा ओबराय गुरुग्राम, ताज सिटी सेंटर गुरुग्राम, हयात रीजेंसी गुरुग्राम, आईटीसी ग्रांड भारत गुरुग्राम, वेस्टइन गुरुग्राम, दा लीला एंबिएंस कन्वेंशन शाहदरा, विवांता सूरजकुंड और क्राउन प्लाजा ग्रेटर नोएडा शामिल हैं।
आईबी ने किया है होटलों का सिक्योरिटी ऑडिट
'जी20' शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले मेहमानों की आवाजाही के लिए अलग अलग टाइम स्लॉट तय किया गया है। इस सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। साथ ही नौ देशों के प्रमुख, बतौर अतिथि देश, जी20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेशी मेहमानों को ठहराने के लिए खुफिया एजेंसी 'आईबी' ने दिल्ली और एनसीआर के अनेक होटलों का सिक्योरिटी ऑडिट किया है। सुरक्षा के हर एंगल को ध्यान में रखते हुए 32 होटलों का नाम सूची में शामिल किया गया है। विदेशी मेहमानों को जिस भी होटल में ठहराया जाएगा, वहां से आयोजन स्थल तक पहुंचने में उन्हें पचास मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा। इस टाइम स्लॉट में सभी मेहमान शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से कई रूट तय किए गए हैं। होटल से लेकर राजघाट तक सभी काफिले, तीस मिनट में पहुंच जाएंगे।
होटल के बाहर तैनात होंगे तीन दस्ते
जहां पर भी राष्ट्र अध्यक्ष या प्रधानमंत्री ठहरेंगे, वहां की सुरक्षा किसी एक एजेंसी के हाथ में नहीं रहेगी। कम से कम तीन एजेंसियों को वह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जैसे रात के समय दिल्ली पुलिस के साथ सीएपीएफ का दस्ता मौजूद रहेगा। इनके अलावा एनएसजी कमांडो भी तैनात रहेंगे। रूट के दौरान भी अलग-अलग सुरक्षा बलों की टीम मौजूद रहेगी। नाइट हाल्ट, रूट, राजघाट और बैठक स्थल पर कई बलों को सुरक्षा का ज़िम्मा दिया गया है।चीन के प्रधानमंत्री ताज पैलेस होटल में ठहरेंगे, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक होटल शांगरी-ला में रुकेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों क्लेरिजेस होटल में ठहरेंगे तो वहीं आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज के लिए होटल इंपीरियल बुक कराया गया है। किस मेहमान को कौन सा भोजन परोसा जाएगा, वह लिस्ट कई पहले अमेरिकी सहित दूसरे मुल्कों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की जाती है। आईबी की सलाह पर यह तय किया गया है कि कौन सा मेहमान किस होटल में ठहरेगा।
प्रगति मैदान के बाहर तैनात रहेंगे 1300 जवान
प्रगति मैदान में दिल्ली पुलिस के साढ़े चार हजार जवान तैनात रहेंगे। खास बात ये है कि इनमें से कोई भी वर्दी में नहीं होगा। वे सभी जवान सूट बूट में होंगे और उनकी आंखों पर काला चश्मा रहेगा। इन जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 1300 जवानों को प्रगति मैदान के बाहर तैनात करने की योजना बनाई है। दिल्ली पुलिस के ऐसे जवान, जिन्हें प्रगति मैदान के बाहर तैनात किया जाएगा, वे सभी वर्दी में रहेंगे। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस के 400 जवान, प्रगति मैदान और उसके आसपास रहेंगे। दिल्ली पुलिस की साढ़ चार सौ पीसीआर, विभिन्न जगहों पर तैनात होंगी। साथ ही पचास से अधिक एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियां भी आयोजन स्थल के आसपास खड़ी रहेंगी। प्रगति मैदान स्थित आयोजन स्थल एवं दूसरी जगह पर तैनात सुरक्षा कर्मी, अपनी एक्टिव ड्यूटी से इधर-उधर न हों, तैनाती का स्थान न बदलें, इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 'एआई' के जरिए उन पर दोहरी निगरानी रखी जाएगी।
कारकेड की सुरक्षा करेंगे सीआरपीएफ के कमांडो
कारकेड के दौरान 14 देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की हिफाजत की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के जांबाज कमांडो संभालेंगे। सीआरपीएफ द्वारा ग्रेटर नोएडा स्थित, वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में लगभग 950 सूट बूट वाले 'रक्षकों' का विशेष दस्ता तैयार किया गया है। सीआरपीएफ के 50 ट्रेनरों ने विदेशी मेहमानों की अचूक सुरक्षा के लिए 'रक्षकों का दस्ता तैयार किया है। रक्षकों और ड्राइवरों की लगभग 48 टीमें बनाई गई हैं। सौ से ज्यादा बुलेटप्रूफ वाहन तैयार किए गए हैं। सीआरपीएफ के दस्ते, विदेशी मेहमानों के कारकेड की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा सुरक्षा के सबसे निकटतम घेरे में भी सीआरपीएफ के जांबाज कमांडो रहेंगे। चूंकि अनेक देशों में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग होती है, ऐसे में सीआरपीएफ ने करीब 120 ऐसे ड्राइवर ट्रेंड किए हैं, जो बिना किसी दिक्कत के लेफ्ट हैंड वाली गाड़ियां चला सकते हैं। इसके साथ ही लेफ्ट हैंड गाड़ियों में सवार होने वाले मेहमानों का सुरक्षा घेरा भी बदल जाता है। इसके लिए भी जवानों को खास ट्रेनिंग दी गई है।