नागरिकता संशोधन कानून पर सियासी तकरार, केजरीवाल बोले- सीएए देशहित में नहीं; भाजपा ने किया पलटवार
आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के देश में सीएए लागू करने के निर्णय का विरोध किया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएए देशहित में नहीं है। केंद्र सरकार देश के करोड़ों लोगों को रोजगार व मकान नहीं दे पाई है, वहीं वह पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आने वाले करोड़ों लोगों को नौकरी व मकान देगी। दरअसल भाजपा सीएए लाकर देश के साथ ऐसा खिलवाड़ वोट बैंक के लिए कर रही है। जहां भाजपा का वोट कम है, वहां दूसरे देशों के गरीब लोगों को झुग्गियां बनाकर बसाया जाएगा। उन्होंने चुनाव से पहले सीएए लाने पर भी सवाल उठाया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में सीएए का विरोध करते हुए कहा कि देश पर 10 साल राज करने के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपाइयों को सीएए की बात करनी पड़ रही है। अगर वह 10 साल में कुछ अच्छा काम कर लेते तो आज सीएए की जगह अपने काम पर जनता से वोट मांग रहे होते। आज देश में सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। ऐसे में केंद्र सरकार इनका समाधान ढूंढने के बजाय सीएए की बात कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अगर भारत की नागरिकता लेना चाहें तो उनको भारत की नागरिकता दे दी जाएगी। इसका मतलब है कि इन तीनों देशों से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को भारत में लाया जाएगा। उनको भारत में बसाया जाएगा, उनको रोजगार और घर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि केंद्र की भाजपा सरकार हमारे बच्चों को रोजगार नहीं दे रही है और वह पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों को लाकर उनके बच्चों को रोजगार देना चाहती है। हमारे लोगों के पास तो घर नहीं है, भारत के ढेरों लोग बेघर हैं, लेकिन भाजपा पाकिस्तान से ढेरों लोगों को भारत में बसाकर घर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में ढाई से तीन करोड़ अल्पसंख्यक हैं। यह तीनों देश बहुत ही गरीब देश हैं। जैसे ही भारत के दरवाजे खुलेंगे, इन तीन देशों से भारी भीड़ हमारे देश में आ जाएगी।
कोई भी देश अपने पड़ोसी देश के लोगों को नहीं लाना चाहता : केजरीवाल ने कहा कि भाजपा वाले पूरी दुनिया से बिल्कुल उल्टा चल रहे हैं। पूरी दुनिया में कोई भी देश अपने पड़ोसी देशों के गरीबों को अपने घर नहीं लाना चाहता है। पड़ोसी देशों के लोगों को अपने देश में आने से रोकने के लिए पूरी दुनिया में हर देश तरह-तरह के कानून बना रहा है, बॉर्डर पर दीवारें लगाता है, बॉर्डर पर बिजली की तारें लगाई जाती हैं।
भाजपा की गलत नीतियों के कारण अमीरों ने देश छोड़ा
केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10 साल में 11 लाख से ज्यादा बड़े-बड़े उद्योगपति और व्यापारी भारत छोड़कर विदेश चले गए। ये लोग भारत में इंडस्ट्री और बड़े-बड़े व्यापार चलाया करते थे और लाखों लोगों को रोजगार देते थे। ये लोग भाजपा की गलत नीतियों और अत्याचार से तंग आकर भारत छोड़कर चले गए। अगर भाजपा को लाना ही है कि इन उद्योगपतियों को लेकर आए।
शरणार्थी भारतीयों के अपने थे, हैं और रहेंगे, डराएं नहीं मुख्यमंत्री : सचदेवा
सीएए लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले पर प्रदेश भाजपा ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए शरणार्थी भारतीयों के अपने थे, हैं और रहेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री भारतीय मुस्लिमों को डराने की कोशिश नहीं करें।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सीएए पर ओवैसी, ममता बनर्जी व राहुल गांधी की भाषा बोल रहे हैं। वह हिंदू, सिख, बौध, ईसाई शरणार्थियों के सम्मान को तो ठेस पहुंचा रहे हैं, भारतीय मुस्लिमों को भी भड़काने की कोशिश की है। उन्होंने साबित कर दिया कि वह कल भी हिंदू, सिख, बौद्ध विरोधी थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे। आजादपुर व मजनू का टीला पर पाकिस्तान से आए शरणार्शियों के कैंप में पहुंचकर सचदेवा ने सभी को बधाई दी। उन्हें बताया कि अब सभी को नागरिकता मिलेगी और पहले से रह रहे शरणार्थियों की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जानबूझकर शरणार्थियों का अपमान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय मुस्लिमों को योजनाओं का लाभ दिया है। पड़ोसी देशों के मुस्लिमों को भी यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान वहां से उनके देश भेजकर राहत दी है।
सीएए शरणार्थियों के जीवन में दूसरी दिवाली के समान : भंते संघप्रिय राहुल
बौद्ध भिक्षुओं के संगठन भारतीय बौद्ध संघ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की सराहना की है। कहा है कि केंद्र सरकार ने अपने 2019 के चुनाव संकल्प पत्र के संकल्पों को प्रतिबद्धता के साथ लागू किया है। सीएए इसी श्रृंखला में एक मजबूत कदम है। भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायियों का दिल जीत लिया है। पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को संरक्षण देने की व्यवस्था को कानूनी मान्यता दी है, जिसका सारा देश स्वागत कर रहा है। भारत में रह रहे पाकिस्तान व अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध शरणार्थियों के जीवन में यह पल दूसरी दिवाली के समान है। उधर, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए सिखों और हिंदुओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा से मुलाकात की और देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन पर प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का धन्यवाद किया। इस मौके पर सिरसा ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए सिखों और हिंदुओं का दर्द केवल वही लोग समझ सकते हैं, जिन्होंने जीवन में कष्ट सहे हों।
शिविर में तोड़फोड़ नहीं करने का निर्देश
उच्च न्यायालय ने डीडीए अधिकारियों को मजनू का टीला में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी शिविर के प्रस्तावित विध्वंस के संबंध में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने 4 मार्च के सार्वजनिक नोटिस के खिलाफ एक याचिका पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है जिसमें निवासियों से शिविर खाली करने के लिए कहा गया है, अन्यथा इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। मंगलवार को पारित एक अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित पाकिस्तानी नागरिकों को समर्थन देने के एक अन्य मामले में केंद्र की ओर से पहले एक बयान दिया गया था। अदालत ने तत्कालीन अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की ओर से दिए गए बयान पर विचार करते हुए कहा था कि केंद्र हिंदू समुदाय को सभी समर्थन देने का प्रयास करेगा जो पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर चुके हैं।