मेले में लोगों की भीड़ देखकर आयोजनकर्ताओं में खुशी का माहौल दिखा। मुख्य सड़क पर युवतियां और महिलाएं गुर्जरी नृत्य कर रही थीं। इस दौरान महोत्सव में आने वाले ग्रामीण अपने पारंपरिक परिधानों में ही मेला देखने आए। महिलाओं ने रंग बिरंगी ओढ़नी के साथ भारी आभूषण पहने थे।
सूरजकुंड मेला परिसर में चल रहे गुर्जर महोत्सव के तीन दिनों में दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों के गुर्जर जुटे। इस दौरान समाज के लोगों ने एकजुटता और विकास का संकल्प लिया। महोत्सव में आई महिलाओं और पुरुषों ने अपने परिधानों और लोकनृत्य के जरिये संस्कृति का परिचय दिया। मुख्य स्टेज पर समाज के नामचीन लोगों को सम्मानित किया गया। सोमवार को करीब एक लाख से अधिक लोग जुटे।
लोगों की भीड़ देखकर आयोजनकर्ताओं में खुशी का माहौल दिखा। मुख्य सड़क पर युवतियां और महिलाएं गुर्जरी नृत्य कर रही थीं। इस दौरान महोत्सव में आने वाले ग्रामीण अपने पारंपरिक परिधानों में ही मेला देखने आए। महिलाओं ने रंग बिरंगी ओढ़नी के साथ भारी आभूषण पहने थे। पुरानी चौपाल पर चल रही रागनी ने भी दर्शकों को अपनी ओर आने पर मजबूर कर दिया। महोत्सव के तीन दिनों में छुट्टी होने के कारण लगभग तीन से चार लाख लोग पहुंचे। चौपाल के सामने ही गुर्जर समाज के नामचीन लोगों को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।
गुर्जर महोत्सव में खजानी की छात्राओं ने किया कमाल, जीता पुरस्कार
एनआईटी स्थित खजानी वूमेन्स वोकेशनल इंस्टीट्यूट की छात्राओं ने तीन दिवसीय गुर्जर महोत्सव में हरियाणा के पारंपरिक नेतृत्व में शानदार प्रस्तुति देते हुए दर्शकों सा मन मोह लिया। छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों से जमकर वाहवाही बटोरी। शानदार प्रस्तुति के लिए छात्राओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। छात्राओं की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए संस्थान के डायरेक्टर संजय चौधरी ने कहा कि हमें नाज है अपनी इन छात्राओं पर जिन्होंने गुर्जर महोत्सव के मंच पर शानदार हरियाणवी नृत्य पेश कर ना केवल प्रदेश के संस्कृति को प्रदर्शित किया अपितु वहां मौजूद दर्शकों को अपनी बेहतरीन प्रतिभा के भी दर्शन करवाए।
रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव हो निष्पक्ष: गौरव बिधूड़ी
सोमवार को गुर्जर महोत्सव के समापन पर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप मेडलिस्ट गौरव बिधूड़ी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पूछे गए एक प्रश्न का उतर देते हुए बताया कि वह सात साल की उम्र से बॉक्सिंग कर रहे हैं। उनके पिता भी एक बॉक्सर है। यहीं से उन्हें बॉक्सर बनने की प्रेरणा मिली। वह पिछले 10 साल से इंडिया के लिए खेल रहे है। इसके अलावा जब वह 20 साल के थे तो उनकी इंडियन रेलवे में जॉब लगी थी। 2011 में वह सीनियर भारतीय टीम से जुड़े। उन्होंने पहलवान खिलाड़ियों को लेकर देश में हो रही राजनीति पर नाराजगी जताई। गौरव बिधूड़ी ने कहा कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रधान का चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। क्योंकि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अब तक जितने भी प्रधान चुने गए हैं। उन सभी का ब्रजभूषण से संबंध है। जब तक फेडरेशन का प्रधान निष्पक्ष नहीं होगा, खिलाड़ियों को परेशानी होती रहेगी।
बुजुर्गों ने युवाओं को अपनी संस्कृति से रूबरू
मेले में एक ओर जहां बुजुर्गों ने युवाओं को अपनी संस्कृति से रूबरू करवाने का प्रयास किया। वहीं गुर्जर समाज में आन-बान-शान कही जाने वाली पगड़ी भी अपना एक अलग महत्व दिखाते हुए नजर आए। हर आयु वर्ग के लोग पगडी बांधकर अपनी संस्कृति से रूबरू होते नजर आए। महोत्सव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चों को भी पगड़ी पहने हुए देखा गया।