ई-अस्पताल प्रणाली लागू होने के बाद इसमें ई-फार्मेसी को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद मरीज ऑनलाइन दवा भी खरीद पाएंगे। निगम की ओर से कुछ इस तरह से व्यवस्था बनाने की तैयारी चल रही है कि मरीज को केवल दवा का डिलिवरी चार्ज भुगतान करना पड़ेगा।
मरीजों को भविष्य में अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे ही अस्पताल में रजिस्ट्रेशन होगा और ओपीडी की पर्ची भी बनेगी। निगम के सभी 11 अस्पतालों को ई-अस्पताल प्रणाली में तब्दील करने की तैयारी चल रही है। ऐसा होने के बाद मरीज घर बैठे इनमें से किसी भी अस्पताल में ऑनलाइन ई-पंजीकरण कर ई-ओपीडी में डॉक्टर से चिकित्सकीय परामर्श ले पाएंगे। टेलीकॉलर के जरिये डॉक्टर रोगी से बीमारी के संबंध में पूरी बातचीत करेंगे। कुछ समय बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर दवाई की पर्ची भी मिल जाएगी।
ई-अस्पताल प्रणाली लागू होने के बाद इसमें ई-फार्मेसी को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद मरीज ऑनलाइन दवा भी खरीद पाएंगे। निगम की ओर से कुछ इस तरह से व्यवस्था बनाने की तैयारी चल रही है कि मरीज को केवल दवा का डिलिवरी चार्ज भुगतान करना पड़ेगा। इसके बाद निगम के अस्पतालों की प्रयोगशालाओं को भी ई-लैब मोड्यूल में बदल दिया जाएगा। मरीज ऑनलाइन पंजीकरण के बाद तय समय पर आकर जांच करा पाएंगे। निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती की ओर से पेश किए गए प्रस्तावित बजट में इस परियोजना को शामिल किया गया है। निगम आयुक्त ने अस्पताल प्रशासन विभाग को परियोजना पर काम करने का निर्देश दिया है।
ई-संजीवनी की तर्ज पर चलेंगे ई-अस्पताल
एमसीडी के हिंदूराव अस्पताल में ई-संजीवनी ओपीडी चल रही है। इसमें पिछले महीने तक 2123 रोगियों का इलाज किया गया है। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ई-अस्पतालों को ई-संजीवनी की तर्ज पर ही चलाने की तैयारी है। यदि ये परियोजना सफल हुई तो अस्पतालों में भीड़ कम हो जाएगी निगम ईृ-अस्पताल प्रणाली लागू करने के साथ इसका एप भी जारी करेगा। निगम का हिंदूराव अस्पताल सबसे बड़ा है। इसकी ओपीडी में हर दिन हजारों मरीज आते हैं, लेकिन अस्पताल के करीब सभी विभागों की इमारतें बेहद पुरानी और कई जर्जर हालत में हैं। लेकिन इस वित्त वर्ष में निगम इसके आपातकालीन सेवा विभाग, ओपीडी ब्लॉक, नर्सिंग होम और नर्सिंग कॉलेज की इमारत का नवीनीकरण कराएगा। लाजपत नगर स्थित अस्पताल परिसर में एक दो मंजिला इमारत बनाने की योजना है।