सोमवार को मेले का आखिरी दिन है, शाम करीब पांच बजे समापन समारोह होगा। प्रगति मैदान में दोपहर बाद मेला देखने आने वाले लोगों की भीड़ तेजी से बढ़ी। हरेक एंट्री गेट पर लंबी कतार रही। पार्किंग में वाहनों की भरमार रही। सभी हॉल भीड़ से भरे हुए थे।
ट्रेड फेयर में रविवार को 1.5 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे और जमकर खरीदारी की। एक दिन में प्रगति मैदान में आयोजित किसी मेले में आने वाली ये रिकार्ड भीड़ है। सोमवार को मेले का आखिरी दिन है, शाम करीब पांच बजे समापन समारोह होगा। मेले में विभिन्न उत्पादों पर भारी छूट दी जा रही। मेला आयोजक आईटीपीओ को आखिरी दिन भी जमकर भीड़ जुटने की उम्मीद है, क्योंकि गुरुनानक देव की जयंती की छुट्टी है।
प्रगति मैदान में दोपहर बाद मेला देखने आने वाले लोगों की भीड़ तेजी से बढ़ी। हरेक एंट्री गेट पर लंबी कतार रही। पार्किंग में वाहनों की भरमार रही। सभी हॉल भीड़ से भरे हुए थे। फूड स्टॉल में जगह नहीं मिलने पर लोग खुले मैदान में बैठ कर खाना खाते दिखे। उत्तराखंड, केरल, उत्तर प्रदेश और खादी के पवेलियन में गुड़, चावल, दाल, मसाले, गर्म कपड़े, धूप बत्ती, अगरबत्ती, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा और किचन के सामान की जमकर बिक्री हुई।
होम डेकोर और हैंडलूम के सामान खरीदने में महिलाओं ने खूब दिलचस्पी दिखाई। युवा वर्ग ने कपड़े, जूते और परफ्यूम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। बनारस का पेड़ा, मथुरा की बर्फी, गाजियाबाद के मिल्क शेक और छाछ की जमकर बिक्री हुई। हॉल पांच की पहली मंजिल पर किड्स जोन में बच्चे प्ले स्टेशन, स्लाइडिंग, राइडिंग के मजे ले रहे। वीडियो गेम के लिए बच्चे अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
थकान मिटाने के लिए वाटर लाइट, साउंड शो
ट्रेड फेयर में मनोरंजन के लिए भी कई इंतजाम हैं। एंफीथियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे, वाटर, लाइट, साउंड शो देखने के लिए भीड़ उमड़ रही। हॉल एक के नजदीक फाउंटेन के पास बैठकर लोग संगीत का आनंद ले रहे और अपनी थकान मिटा रहे।
ज्वेलरी और धातुओं की मूर्तियों की बिक्री भी खूब
सोने, चांदी, टेराकोटा, स्टोन व फैब्रिक जूलरी और धातुओं की मूर्तियों की बिक्री भी जमकर हो रही। असम पवेलियन में महिलाओं और पुरुषों के लिए ऊनी स्वेटर, मफलर, टोपी, शॉल, स्कार्फ और फुटवियर की मांग खूब है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पवेलियन में भी ऊनी कपड़ों की एक से बढ़कर एक वैरायटी बिक रहीं हैं। जैविक रेशम से निर्मित साड़ियां, धोती, कुर्ते, दुपट्टा, सलवार की भी असम पवेलियन में भरमार है। पांच हजार से 1.5 लाख रुपये तक की साड़ियां, दुपट्टे की कीमत 1500 से 3 हजार रुपए तक, जैकेट 4000 रुपये तक मिल रही।
आधुनिक तकनीक से की जाने वाली खेती में ड्रोन शामिल होगा
देश में अब आधुनिक तकनीक से की जाने वाली खेती में ड्रोन शामिल होने वाला है। लिहाजा वह दिन दूर नहीं है जब खेतों में ड्रोन उड़ते नजर आएंगे। ड्रोन से बूस्टर डोज, नैनो यूरिया और कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकेगा। प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में यह ड्रोन किसानों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
हरियाणा मंडप में हिसार स्थित उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान के स्टॉल पर इस ड्रोन को देखने ही नहीं, बल्कि इसके बारे में जानकारी लेने वालों का तांता लगा रहता है। संस्थान के तकनीकी सहायक पंकज कुमार ने बताया कि ड्रोन पांच से छह मिनट में एक एकड़ को कवर कर लेता है। ड्रोन जीपीएस के आधार पर दिए गए मैप के हिसाब से छिड़काव करता है। ड्रोन में एक बार में 10 लीटर कीटनाशक या नैनो यूरिया मिश्रित पानी आ सकता है।