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जामा मस्जिद में नए इमाम की दस्तारबंदी आज शाम, सैयद अहमद बुखारी बेटे को सौपेंगे विरासत

Sanjiv Kumar
25 Feb 2024 12:26 PM IST
जामा मस्जिद में नए इमाम की दस्तारबंदी आज शाम, सैयद अहमद बुखारी बेटे को सौपेंगे विरासत
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दस्तारबंदी के साथ ही सैयद उसामा शाबान बुखारी शाही इमाम के रूप में पद संभालने के लिए तैयार हो जाएंगे। दस्तारबंदी की रस्म में शाही इमाम खुद अपने हाथों से नायब इमाम को शाही इमाम की पगड़ी बांधेंगे।

दिल्ली की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद रविवार को शबे बरात वाले दिन एक बड़े बदलाव की गवाह बनने जा रही है। रविवार शाम दस्तारबंदी के कार्यक्रम में जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी अपने छोटे बेटे व नायब इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी के नाम का एलान अपने जानशीन (उत्तराधिकारी) के रूप में करेंगे।

कार्यक्रम में देश-विदेश से मेहमान आने की बात कही जा रही है। बता दें कि नवंबर 2014 में सैयद अहमद बुखारी ने अपने बेटे के नाम नायब इमाम के लिए घोषित किया था। इसके बाद खूब विवाद भी हुआ था। दस्तारबंदी के कार्यक्रम में सैयद अहमद बुखारी उलेमाओं के बीच अपने बेटे को पगड़ी बांधकर उनको औपचारिक इमाम बना देंगे।

हालांकि इमाम की जिम्मेदारी पहले की तरह सैयद अहमद बुखारी ही निभाते रहेंगे, लेकिन यदि उनकी सेहत ठीक नहीं होने या किसी और वजह से वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाते हैं तो सैयद उसामा शाबान बुखारी उनकी जिम्मेदारियों को तुरंत संभाल लेंगे। मुगल काल से ही परम्परा चली आ रही है कि अपने जीवन काल में शाही इमाम अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर देते हैं। जामा मस्जिद के प्रवक्ता मो. सबिउल्लाह ने बताया कि सैयद उसामा शाबान बुखारी को 14वां इमाम बनाया जा रहा है। दस्तारबंदी के लिए जामा मस्जिद में पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं। जामा मस्जिद को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। देश-विदेश से मेहमान आने के अलावा भारी संख्या में लोकल लोग भी मौजूद रहेंगे।

दस्तारबंदी के साथ ही सैयद उसामा शाबान बुखारी शाही इमाम के रूप में पद संभालने के लिए तैयार हो जाएंगे। दस्तारबंदी की रस्म में शाही इमाम खुद अपने हाथों से नायब इमाम को शाही इमाम की पगड़ी बांधेंगे। शाबान बुखारी को नायब इमाम बनाने के बाद कई तरह के विवाद सामने आए थे। उनकी योग्यता को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। मगर नायब इमाम बनाए जाने के बाद से ही वह लगातार धर्म से जुड़े तमाम मामलों का इल्म (ज्ञान) हासिल कर रहे हैं। धार्मिक शिक्षा के लिए वह देश और विदेश भी गए हैं। जामा मस्जिद से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शाबान बुखारी धार्मिक ज्ञान हासिल करने के लिए पूरी शिद्दत के साथ मेहनत में लगे हुए हैं।

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