Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में महसूस हुए भूकंप के तेज झटके, कुछ सेकंड तक कांपती रही धरती; दहशत में लोग
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. मंगलवार दोपहर 2.53 बजे आए भूकंप के बाद लोग घबराकर दफ्तरों और घरों से बाहर भागे। श्रावस्ती में 2:51 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये. दो बार तेज झटके महसूस किये गये. भूकंप की तीव्रता 4.6 थी. उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किये गये. दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस क्षेत्र में ये प्लेटें टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब बहुत अधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है और गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है।
जानिए क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल के कारण भूवैज्ञानिक ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक तीव्र होता है। जैसे-जैसे कंपन की आवृत्ति बढ़ती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। हालांकि, अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप आता है तो झटके 40 किमी के दायरे में महसूस किए जाते हैं। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या नीचे की ओर। यदि कंपन की आवृत्ति अधिक होगी तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है और मापने का पैमाना क्या है?
भूकंप को रिक्टर स्केल से मापा जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. भूकंप को 1 से 9 रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता इससे मापी जाती है। यही तीव्रता भूकंप की तीव्रता तय करती है.|