अनुमान है कि आठ दिसंबर तक वायु गुणवत्ता खराब होकर बेहद खराब श्रेणी में जा सकती है। अगले छह दिन की बात करें तो वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रहने की आशंका है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिन में दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में जा सकती है। मंगलवार को 12 किमी प्रतिघंटे की गति से चली हल्की हवा और खिली धूप से हवा में सुधार हुआ। सोमवार के मुकाबले मंगलवार को प्रदूषण का स्तर 13 अंक घटकर 297 सूचकांक पर आ गया, जो खराब श्रेणी है। एक सप्ताह बाद दिल्ली का प्रदूषण सूचकांक खराब श्रेणी में आया है। इससे पहले 29 नवंबर को प्रदूषण का स्तर घटकर 290 पर आया था। पूरे एनसीआर की बात करें तो गाजियाबाद का प्रदूषण का स्तर 192 संतोषजनक दर्ज किया गया, जबकि एक्यूआई फरीदाबाद में 212, ग्रेटर नोएडा में 274, गुरुग्राम में 248 और नोएडा में 235 रहा।
भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक, मंगलवार को दिन के समय दिल्ली में मुख्य सतही हवा 6 से 12 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-पश्चिम दिशाओं से चली। सुबह हल्की धुंध छाई रही, लेकिन दिन में खिली धूप से तापमान में कुछ बढ़त हुई। इससे प्रदूषण में सुधार दिखा। बुधवार को सुबह हल्का कोहरा छा सकता है। दोपहर को आसमान साफ रहेगा। दिन में मुख्य सतही हवा उत्तर-पश्चिम दिशाओं से 4 से 8 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती है। हवा की गति घटने से एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में जा सकता है।
मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही, जबकि आठ दिसंबर तक वायु गुणवत्ता खराब होकर बेहद खराब श्रेणी में जा सकती है। अगले छह दिन की बात करें तो वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रहने की आशंका है। संस्थान के मुताबिक, स्थानीय कारणों से प्रदूषण का स्तर खराब होगा। हवा की गति मध्यम या हल्की होने से यह वातावरण में फैल नहीं पाएगा और अगले कुछ दिन में स्थिति खराब हो सकती है। इसके अलावा ठंड बढ़ने के कारण भी प्रदूषण की सघनता बढ़ेगी, जिससे हवा फिर से बेहद खराब हो सकती है।
आधी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिन में राहत के बाद शाम ढलते ही आधी दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई। दिल्ली के 36 केंद्रों में से 17 पर एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया। इसमें अलीपुर, श्रीफोर्ट, आरके पुरम, पंजाबी बाग, जवाहर नगर, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर-8, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला, वजीरपुर, बवाना, मुंडका, आनंद विहार, मोती बाग शामिल रहे। बोर्ड के मुताबिक, इन क्षेत्रों में स्थानीय कारणों से प्रदूषण के स्तर में बढ़त दिखी।