Delhi AQI Today: सीएम केजरीवाल ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक, और बढ़ी पाबंदियां; जानें दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के अगले चरण को भी लागू कर दिया है। लेकिन फिर भी दिल्ली में प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में सोमवार के वायु प्रदूषण स्तर की बात करें तो आरके पुरम में एक्यूआई 466, आईटीओ में 402, पटपड़गंज में 471 और न्यू मोती बाग में 488 दर्ज किया है।
दिल्ली में प्रदूषण पर आपात बैठक
कर्तव्य पथ पर एक स्थानीय निवासी ने बातचीत में बताया कि ये स्थिति हर साल बनती है। केंद्र सरकार इस स्थिति के लिए दिल्ली सरकार पर आरोप लगाती है और दिल्ली सरकार केंद्र सरकार पर इसका आरोप लगाती है। जबकि सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि अब सही समय आ गया है।
दिल्ली पर्यावरण मंत्री के कार्यालय की ओर से जानकारी देकर बताया गया है कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और ग्रेप चार को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई है। बैठक 12 बजे होगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हों।
जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को दिल्ली की हवा पूरे एनसीआर में सर्वाधिक प्रदूषित रही। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) एक बार फिर बढ़ गया है। वायु सूचकांक 457 दर्ज किया गया, जोकि शनिवार के मुकाबले 39 सूचकांक की वृद्धि हुई है। द्वारका सेक्टर-8 व बवाना में समेत 28 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में रही। सबुह से ही स्मॉग की चादर छाई नजर आई, दोपहर में धूप निकलने के बाद भी इससे कोई राहत नहीं मिली। दिल्ली में समग्र रूप से हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। कमोबेश यही स्थिति बुधवार तक बने रहने का अनुमान है।
दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक दिल्ली में रविवार को 28 इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं, शनिवार के मुकाबले चार इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में की ओर बढ़ गई है। वहीं, दो इलाकों में हवा बेहद खराब रही। इसमें द्वारका सेक्टर-8 में 487, बवाना में 482, नजफगढ़ में 481, मुंडका में 480, पंजाबी बाग में 478, शादीपुर में 476 एक्यूआई दर्ज किया गया। साथ ही, वजीरपुर में 474, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में 478 समेत कई इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी दर्ज किया गया। वहीं, दिलशाद गार्डन में 368 व आरके पुरम में 392 एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
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बुधवार तक खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकती है हवा
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक रविवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर से चली। इस दौरान हवा की गति 4 से 6 किलोमीटर प्रतिघंटे से रही, जोकि बेहद कम गति है। सोमवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने का अनुमान है। इस दौरान हवा की गति 4 से 6 किलोमीटर प्रतिघंटे से चलेंगी। ऐसे में हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है। वहीं, सुबह के समय धुंध के साथ कोहरा छाए रहने की आशंका है। वहीं, मंगलवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से चलेंगी। हवा की चाल 6 से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने का अनुमान है। सफर इंडिया के मुताबिक रविवार को दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा लगभग 321 दर्ज की गई, जोकि गंभीर श्रेणी में है। वहीं, पीएम 10 की मात्रा करीब 488 दर्ज की गई, जोकि खतरनाक स्तर है।
ग्रेटर नोएडा में सबसे प्रदूषित रही हवा
सीपीसीबी के अनुसार एनसीआर में दिल्ली के बाद फरीदाबाद का सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। यहां एक्यूआई 450 रहा, जोकि गंभीर श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 410, नोएडा में 414, गाजियाबाद में 394 व गुरुग्राम में 402 एक्यूआई दर्ज किया गया।
ग्रैप का चौथा चरण
1. दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है।
2. दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।
3. एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते हैं।
4. एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।
5. निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक।
6. केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
7. एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
8. राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।